DMRC ने किया मेट्रो में बड़ा अपडेट, साड़ी, दुपट्टा अब ट्रेन में नहीं फंसेगा
HR Breaking News (Delhi Metro News)। राजधानी दिल्ली में लोगों के सफर को आसान बनाने के लिए मेट्रो का तेजी से विस्तार हो रहा है। दिल्ली में बने मेट्रो स्टेशनों से आए दिन लाखों लोग अपनी मंजिल के लिए ट्रेन पकड़ते हैं।
इन स्टेशनों (Delhi Metro Station) पर काफी भीड़ होती है। ऐसे में कई बार जब महिलाएं ट्रेन में चढ़ती है तो उनका दुप्पटा कहीं फंस जाता है जिसकी वजह से दुर्घटना हो जाती है।
कई बार तो ऐसे मामले भी सामने आए हैं कि ज्यादा भीड़ होने से लोग मेट्रो की पट्टरी पर आगे गिर गए। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब DMRC ने बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के इन मेट्रो स्टेशनों को अब हाईटेक बनाया जाएगा। ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
DMRC ने दी जानकारी
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जानकारी देते हुए बताया है कि चार और ट्रेनों में यह सुविधा लगाई जोन वाली है। अगले एक-दो साल तक इनका ट्रायल किया जाने वाला है। डीएमआरसी (DMRC News) के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक ट्रेन में एंटी-ड्रैग फीचर लगाया है।
इसका ट्रायल फिलहाल चल रहा है। चार और ट्रेनों में भी यह फीचर लगाया जा रहा है। इन ट्रेनों का विस्तृत विश्लेषण और फीडबैक लिया जाने वाला है।
ऑवरऑल प्रदर्शन के आधार पर, बाकी ट्रेनों या लाइनों के लिए भी इस फीचर की जरूरत पड़ने पर इस सिस्टम पर काम किया जाएगा। ट्रेनों में एंटी-ड्रैग एक एडवांस्ड (Advance facility in Delhi metro) सुविधा दी जाने वाली है।
अगर कोई व्यक्ति या कोई चीज ट्रेन के बंद होते दरवाजों के बीच फंस जाती है और दबाव महसूस होता है, तो यह इमरजेंसी ब्रेक लगा दिये जाते हैं।
वस्तुओं को आगे बढ़ने से रोकेगा ये तरीका
एंटी-ड्रैग सिस्टम को यात्रियों या उनके सामान के बंद होते दरवाजों के अंदर फंसने और चलती ट्रेन में घिसटने से होने वाली चोटों (delhi metro anti drag system Update) को रोकने के लिए डिजाइन किया जाने वाला है।
ये खतरनाक स्थितियों, जैसे बेल्ट, कपड़ा, साड़ी और बैग के पट्टे जैसी बाधाओं या वस्तुओं की पहचानने में मदद करने वाला है। ऐसे में दरवाजा पहले से ही बंद हो जाता है और ट्रेन को आगे बढ़ने से भी रोकता है।
अब इतनी होगी दरवाजों की दहलीज
दरवाजों के बीच किसी रुकावट के बारे में पता लगाने के लिए मेट्रो (delhi metro anti drag system) के दरवाजों की दहलीज आमतौर पर 15 मिमी की बनाई जाती है। हालांकि अब इसे घटाकर 7 मिमी तक कर दिया गया है। वर्तमान की बात करें तो फिलहाल इस मोटाई से कम मोटाई वाली कोई भी चीज दरवाजों के बीच फंसने पर रुकावट का पता नहीं लगाया जा सकता।
इस लाइसेंस का होना है जरूरी
डीएमआरसी के एमडी ने जानकारी देते हुए बताया कि एंटी-ड्रैग सुविधा (Anti-drag feature in Metro) सिर्फ पुरानी लाइनों पर ही जरूरी होगी। अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले चौथे चरण के गलियारों या मौजूदा पिंक और मैजेंटा लाइनों में मेट्रो (Delhi Metro News) के दरवाजों के बीच कुछ फंसने की परेशानी नहीं होने वाली है।
इसकी वजह ये हैं कि उनमें प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) हैं। पुरानी लाइनों में, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पीएसडी केवल व्यस्त स्टेशनों पर ही लगाए गए हैं।
चौथे चरण में होगा ये काम
चौथे चरण का विस्तार होने के साथ ही आने वाले गलियारों में, सभी स्टेशनों पर पीएसडी होने वाले हैं। हाल ही में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक डीएमआरसी (DMRC Latest Update) ट्रेनों के अंदर घोषणाएं भी कर रहा है। इसमें यात्रियों को चढ़ते और उतरते समय साड़ी, धोती, दुपट्टे और बैग का ध्यान रखने की सलाह दी जाने वाली है।
