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Money Guru : रेपो रेट बढ़ने के बाद इस तरह घटाएं अपनी EMI, किस्त बढ़ाएं या अवधि, समझें...कैसे करें जोड़-तोड़ तो होगा फायदा

रेपो रेट बढ़ने के बाद अपनी ईएमआई को मैनेज करना होता है। जिसके लिए हम आपको बताएंगे कि क्या जोड़-तोड़ लगाने हैं और अपनी EMI कम करवा लेनी है। जानिए पूरी डिटेल।
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Money Guru : रेपो रेट बढ़ने के बाद इस तरह घटाएं अपनी EMI, किस्त बढ़ाएं या अवधि, समझें...कैसे करें जोड़-तोड़ तो होगा फायदा

HR Breaking News : नई दिल्ली : मासिक किस्त (EMI) देने वालों के लिए यह एक जोरदार झटके से कम नहीं है. उनकी ईएमआई बढ़ गई. हर महीने के बजट पर अब इसका असर दिखेगा. ऐसे में निवेशक क्या करे?
Money Guru: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 अगस्त को रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी (rbi repo rate hike) कर दी है. मासिक किस्त (EMI) देने वालों के लिए यह एक जोरदार झटके से कम नहीं है।

उनकी ईएमआई बढ़ गई. हर महीने के बजट पर अब इसका असर दिखेगा. ऐसे में निवेशक क्या करे? आखिर हर महीने की किस्त का भार कैसे कम किया जाए? इन सब सवालों के जवाब आपको यहां ऑप्टिमा मनी के एमडी पंकज मठपाल और सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जीतेंद्र सोलंकी से मिल जाएंगे।


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50 बेसिस प्वाइंट का झटका

0.50% बढ़ी ब्याज दरें
रेपो रेट 4.9% से बढ़कर 5.4%
मई से अब तक 1.40% की बढ़ोतरी
2 महीने में कितना महंगा होम लोन (home loan)

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कर्ज: ₹25 लाख    अवधि:  20 साल


ब्याज                           EMI
4 मई से पहले                         6.50%             ₹18,639
नई दरें                                   8.10%             ₹20,167

बढ़ी EMI-  ₹1528


बढ़ी दरें, आप पर असर

-सभी प्रकार के लोन महंगे होंगे
-रेपो रेट लिंक्ड लोन रेट बढ़ेंगे
-होम लोन, कार लोन पर बढ़ेगी EMI
-होम लोन की अवधि या EMI बढ़ेगी
-EMI बढ़ने पर मौजूदा बचत कम होगी

EMI बढ़ाएं या अवधि

बैंक की लोन दर बढ़ाने पर बैंक अवधि बढ़ाएंगे
लोन अवधि बढ़ने पर अतिरिक्त ब्याज का बोझ बढ़ेगा
बैंक से कहकर EMI की राशि बढ़ा सकते हैं
बढ़ी हुई EMI को निर्धारित अवधि में भर सकते हैं
EMI बढ़ी, तो सेविंग पर असर पडे़गा
अतिरिक्त सेविंग से EMI भर सकते हैं,तो EMI बढ़ाएं

ये करें ग्राहक 

बैंक से लोन दर कम करने की सिफारिश करें
लोन की बची हुई राशि, दूसरे बैंक में शिफ्ट करें
फ्लोटिंग रेट ऑप्शन चुन सकते हैं
अतिरिक्त ब्याज से बचने के लिए प्री-पेमेंट का विकल्प
एकमुश्त रकम मिलने पर लोन चुका सकते हैं

प्री-पेमेंट के विकल्प?

अतिरिक्त ब्याज से बचने के लिए,2 विकल्प
EMI में बदलाव नहीं,री-पेमेंट टेन्योर में बदलाव
EMI में बदलाव,टेन्योर में कोई बदलाव नहीं
बड़े प्री-पेमेंट से EMI में कमी कर सकते हैं

प्री-पेमेंट कैसे करें?

बीच-बीच में एकमुश्त प्री-पेमेंट कर सकते हैं
हर महीने सिस्टमैटिक पार्ट पेमेंट भी कर सकते हैं
खर्च से अतिरिक्त राशि बचे,तो प्री-पेमेंट कर सकते हैं
बोनस का इस्तेमाल,लोन प्री-पेमेंट में कर सकते हैं
फ्लोटिंग रेट या फिक्स्ड रेट पर लोन,ये ध्यान रखें

बिगड़ा बजट,सुधारें कैसे?

अतिरिक्त EMI से बचत पर असर पड़ सकता है
बिगड़े बजट को सुधारने के लिए प्लानिंग करें
खर्चे कम करें,जरूरी खर्चों की लिस्ट बनाएं
कम जरूरी लक्ष्यों के निवेश की रकम,EMI में जोड़ें
एकमुश्त रकम मिलने पर,लोन चुकाते रहें

डेट में कहां निवेश करें?

बैंकिंग एंड PSU बॉन्ड में निवेश करें
बैंकिंग एंड PSU में कम क्रेडिट रिस्क
FD से बेहतर पोस्ट टैक्स रिटर्न बैंकिंग एंड PSU में है
डायनमिक बॉन्ड फंड में भी निवेश कर सकते हैं
कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं
छोटी अवधि के लिए शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में निवेश करें
मनी मार्केट फंड छोटी अवधि के लिए बेहतर

इक्विटी में कहां निवेश करें?

लंबी अवधि में निवेश पर फोकस करें
छोटी-छोटी अवधि बाजार में लगाते रहें
लार्जकैप फंड में निवेश बेहतर विकल्प
मिड और स्मॉलकैप में ज्यादा उतार-चढ़ाव।