Aeroponic Farming: अब हवा में भी आलू उगा पाएंगे किसान, यहां मिलेगा इस तकनीक का लाइसेंस
 

Potato Farming: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले इस संस्थान ने हवा में आलू के बीज उत्पादन की यह अनूठी तकनीक विकसित की है. कहा जा रहा है कि इस तकनीक के प्रभाव में आने के बाद देश में आलू का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों के आय में भी इजाफा होगा
 
 

 HR Breaking News, एंजेसी नई दिल्ली, Aeroponic Farming: खेती-किसानी को आसान बनाने की कवायद सरकार की तरफ से लगातार जारी है. इसको लेकर नई-नई तकनीकें लॉन्च होती रही हैं. अब इसी कड़ी में एरोपोनिक विधि द्वारा विषाणु रोग मुक्त आलू बीज (आलू बीज) उत्पादन के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला और मध्य प्रदेश सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. 


बता दें इस अनुबंध पर केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र काफी वक्त से इस तकनीक पर काम कर रहा था. अब इस अनुबंध के साथ मध्य प्रदेश बागवानी विभाग को इस तकनीक का लाइसेंस देने का अधिकार दिया है. जिसके बाद आलू उत्पादन के क्षेत्र में अच्छा-खासा विकास देखने की उम्मीद जताई जा रही है. 

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले इस संस्थान ने हवा में आलू के बीज उत्पादन की यह अनूठी तकनीक विकसित की है .इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने का कहना है कि आईसीएआर द्वारा विकसित इस एरोपोनिक तकनीक से देश के कई हिस्सों में आलू के बीजों की उपलब्धता किसानों आसान हो  जाएगी. इस तकनीक के प्रभाव में आने के बाद देश में आलू का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों के आय में भी इजाफा होगा. 


मुझे प्रसन्नता है कि ICAR-CPRI शिमला के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित विषाणु रोग रहित आलू बीज उत्पादन की एरोपॉनिक विधि के माध्यम से बीज आलू की उपलब्धता  देश के कई भागों में किसानों के लिए सुलभ की गई है और आज मप्र के बागवानी विभाग को इस तकनीक का लाइसेंस देने के लिए अनुबंध किया गया है। 

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एरोपोनिक तकनीक के माध्यम से पोषक तत्वों को धुंध के रूप में जड़ों में छिड़का जाता है. पौधे का ऊपरी भाग खुली हवा और प्रकाश में रहता है. इस तकनीक से आलू  उगाने के दौरान मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है. ऐसे में फसल में मिट्टी जनित रोगों के लगने की संभावना भी कम रहती है, जिससे किसानों का नुकसान काफी हद तक कम हो सकता है