Agriculture Update खेतों में ज्यादा रसायनों का उपयोग नही कर सकेगा किसान, सरकार उठाने जा रही ये कदम

खेतों में मनमर्जी से रसायनों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की तैयारी। हरियाणा के 49 खंडों में हर एकड़ का अनिवार्य रूप से बनेगा सोयल हेल्थ कार्ड। रिपोर्ट में जितने रसायनों की आवश्यकता उतना ही किसानों को होगा उपलब्ध।
 

HR Breaking News, जींद ब्यूरो, किसान अब खेतों में मनमर्जी से रसायनों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। अत्याधिक मात्रा में प्रयोग किए जा रहे रसायनों के इस्तेमाल पर लगाम कसने की तैयारी हो गई है। इसके लिए प्रदेश के 49 खंडों को चिन्हित किया गया है। इन खंडों में हर एकड़ का सोयल हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

इसके लिए किसान सहायकों की ट्रेनिंग शुरू की गई है, जो खेतों में मिट्टी के नमूने लेंगे और रिपोर्ट के अनुसार रसायनों का इस्तेमाल सुनिश्चित करेंगे। अत्याधिक रसायनों के प्रयोग से बंजर होती जमीन बचाने की कवायद तेज हो गई है।

किसान भाईयों के लिए जरूरी सूचना


कैसे लगेगी लगाम

विभागीय सूत्रों के मुताबिक सोयल हेल्थ कार्ड में जिन पोषक तत्वों की कमी मिलेगी, उसी अनुपात में रसायनों को प्रयोग में लाने के लिए किसानों को उतना ही रसायन उपलब्ध होगा। जितनी वास्तविक जरूरत है उतना ही उन्हें मिलेगा। जरूरत से ज्यादा रसायन खरीद पर उन्हें जेब ढीली करनी पड़ सकती है।

उदाहरण के लिए यूरिया का एक बैग 275 रुपये में किसानों को मिलता है। इसके लिए सब्सिडी सरकार देती है। जरूरत से ज्यादा लेने पर बिना सब्सिडी करीब 1175 रुपये का यूरिया बैग खरीदना पड़ेगा। हालांकि अभी आधिकारिक एलान नहीं हुआ है।

 

किसान भाईयों के लिए जरूरी सूचना

क्या होगा फायदा ?

सरकार की इस सोच से किसानों का पैसा व जमीन की खराब होती सेहत, दोनों का बचाव होगा। किसान अंधाधुंध रसायनों का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है। पैसे की बर्बादी भी हो रही है। सोयल हेल्थ कार्ड की रिपोर्ट के आधार पर उर्वरकों का इस्तेमाल होगा तो किसानों का काफी फायदा होगा।

किसान सहायकों को ट्रेनिंग

कृषि एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने बताय कि इस कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए किसान सहायकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इनको मिट्टी का एक सैंपल लेने के लिए 40 रुपये सरकार की ओर से 10 रुपये प्रति किसान दिए जाएंगे। करनाल में ट्रेनिंग के बाद किसान सहायकों को फील्ड में भेजना शुरू कर दिया गया है।