किसानों के लिए अच्छी खबर : हरियाणा (Haryana) में आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) के दायरे में आएंगे 3 एकड़ तक जमीन वाले किसान

Haryana News. हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar lal) ने कहा कि धान व गेहूं जैसी परंपरागत खेती के बजाय किसानों को आधुनिक खेती की ओर बढ़ाया जाएगा। किसानों को फसल विविधिकरण पद्धति के तहत दलहन, बागवानी, मछली पालन जैसी खेती के लिए प्रशिक्षित करेंगे। 

 

हरियाणा (Haryana) के तीन एकड़ तक जमीन वाले किसान आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) के दायरे में आएंगे। सरकार उनके कार्ड (Ayushman card) बनाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार 1.80 लाख रुपये वार्षिक आमदनी वाले परिवारों को आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) के तहत कवर कर रही है। उसके मद्देनजर ही किसानों को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है। 



सरकार किसानों के सुझावों को बजट में प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री ने सोमवार को किसानों से वर्चअुली बात कर कृषि क्षेत्र के विकास में बजट (Budget) प्रावधान के लिए सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि किसानों के जो भी जरूरी सुझाव आएंगे, उनका अध्ययन कर बजट में प्रमुखता दी जाएगी। कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन क्षेत्र से संबंधित किसानों, हित धारकों से बजट पूर्व परामर्श किया है। इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से कृषि एवं कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल व सभी जिलों से अधिकारी, किसान, एचएयू, लुवास व बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल हुए।

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मुख्यमंत्री (CM Khattar) ने कहा कि सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए इस बार बेहतर बजट (Budget) प्रस्तुत किया जाएगा। बजट (Budget) में कृषि क्षेत्र के विकास व किसानों की आय बढ़ाने जैसे विषयों पर अधिक फोकस रहेगा। कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। किसानों को आपसी सहयोग से आगे बढ़ना होगा, जिसके तहत प्रगतिशील किसान अन्य किसानों को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही किसान कल्याण फंड व सहयोग फंड जैसी व्यवस्था बनाने पर भी बल दिया जाएगा। 

 

सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक एफपीओ बनाएं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में कोल्हू से गुड़ व खांड बनाने जैसे छोटे-छोटे उद्योग भी लगाए जा सकते हैं। इससे किसान धान जैसी फसलों के बजाय गन्ना उत्पादन की ओर आएंगे। विभिन्न फसलों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के प्रयासों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

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परंपरागत खेती के बजाय आधुनिक खेती को देंगे बढ़ावा
उन्होंने कहा कि धान व गेहूं जैसी परंपरागत खेती के बजाय किसानों को आधुनिक खेती की ओर बढ़ाया जाएगा। किसानों को फसल विविधिकरण पद्धति के तहत दलहन, बागवानी, मछली पालन जैसी खेती के लिए प्रशिक्षित करेंगे। किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी फार्मिंग भी अच्छा विकल्प है। प्रदेश में पशुओं की ऐसी नस्लें तैयार की जाएंगी, जिससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को लाभ मिलेगा। 

कृषि क्षेत्र की सभी श्रेणियों में रोजगार के अपार अवसर हैं। युवाओं को प्रशिक्षित कर इस सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं बनाई जाएंगी। प्रशिक्षण प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बजट पूर्व परामर्श के तहत किसानों के सुझाव आमंत्रित करना अच्छा प्रयास है। इस चर्चा में किसानों ने कई अच्छे सुझाव दिए हैं। उनके विभागों से संबंधित सभी जरूरी सुझावों को सूचीबद्ध कर जल्द ही भिजवा दिया जाएगा।