बीमा क्लेम की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, डीसी ने कहा कोई वैकेंसी खाली नहीं, किसान बोले, 28 अगस्त को होगी जाट धर्मशाला में महापंचायत, लेंगे कड़ा फैसला

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार में बीमा क्लेम, आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, बीमा कंपनी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। एतिहात के तौर पर पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात थे। जब किसान ट्रैक्टर लेकर अंदर
 

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार में बीमा क्लेम, आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, बीमा कंपनी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। एतिहात के तौर पर पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात थे। जब किसान ट्रैक्टर लेकर अंदर घुसने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। करीब आधे घंटे तक वहां पर तनाव की स्थिति बनी रही। उसके बाद डीसी डॉक्टर प्रियंका सोनी और डीआईजी बलवान सिंह राणा पहुंचे। किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला। इस दौरान डीसी ने कहा कि फिलहाल कोई वैकेंसी खाली नहीं है। एफआईआर पर डीआईजी ने कहा कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। संबंधित विभाग शिकायत देगा तो उसी समय एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी। प्रशासन के रवैये से नाखुश किसानों ने एलान किया कि आगामी 28 अगस्त को जाट धर्मशाला में महापंचायत होगी। उसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

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अंदर जाते समय पुलिस और किसानों में गहमागहमी

किसान सभा द्वारा बीमा क्लेम और अन्य मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया जा रहा है। किसान सभा की कॉल पर आज हजारों की संख्या में किसान लघु सचिवालय के बाहर पहुंचे। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शमशेर नंबरदार, सूबे सिंह बूरा, दिलबाग हुड्‌डा, संयुक्त किसान मोर्चो के नेता कुलदीप, रीमन नैन, अनू सूरा, सदानंद आदि ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 2020 में फसलों में हुए नुकसान के बाद कंपनी द्वारा बीमा क्लेम नहीं दिया गया। आरोप है कि बीमा कंपनी किसानों के करोड़ो रुपये लेकर फरार हो गई। जिन किसानों के खातों में रुपये आए उनकी पहुंच है। बाकी कुछ किसानों के खातों में बीस रुपये से लेकर 250 रुपये तक ही आए है। इसके अलावा हमारी मांग है कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों का देहांत हुआ है उनके परिजनों को नौकरी दी जाए। बीमा कपंनी पर एफआईआर दर्ज की जाए। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि जब तक डीसी यहां मौके पर ज्ञापन लेने नहीं आती वे प्रदर्शन करते रहे। किसानों ने आधे घंटे का समय दिया। डीसी के न आने के बाद किसान लघु सचिवालय के अंदर घुसने लगे। पुलिस ने किसानों को रोक लिया। करीब आधे घंटे तक वहां पर तनाव की स्थिति बनी रही। उसके बाद डीसी डॉक्टर प्रियंका सोनी, डीआईजी बलवान सिंह राणा पहुंचे।

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प्रशासन से नाखुश नजर आए किसान

किसानों का प्रतिनिधिमंडल डीसी डॉक्टर प्रियंका सोनी ने मिलने पहुंचा। किसानों ने कहा कि आंदोलन के जिन किसानों का देंहात हुआ है उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। जिस बीमा कंपनी ने किसानों से धोखाधड़ी की है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। जिन किसानों की फसल खराब हुई है उनको मुआवजा दिया जाए। काफी देर बातचीत होने के बाद किसान प्रशासनिक अधिकारियों से संतुष्ट नजर नहीं आए। किसानों ने एलान किया की आगामी 28 अगस्त को जाट धर्मशाला में महापंचायत होगी। जिसमें दिल्ली बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चो के नेतागण आएंगें।

कोई वैकेंसी नहीं

फिलहाल कोई वैकेंसी नहीं है। इस बारे में मैं कोई आश्वासन नहीं दे सकती। बाकी जो मांगे है उनको देखा जाएगा। इस बारे में पहले भी कई बार चर्चा कर चुके है। ये मेरे हाथ में नहीं है।

जिला उपायुक्त, डॉक्टर प्रियंका सोनी, हिसार

शिकायत मिलेगी तो केस दर्ज होगा

अभी मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। संबंधित विभाग से अगर कोई बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत आती है तो उसी समय एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी।

डीआईजी, बलवान सिंह राणा, हिसार