एचएयू से प्रशिक्षण हासिल कर स्थापित करें स्वरोजगार, दूसरों को भी करें प्रेरित : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से बेरोजगार युवक-युवतियां प्रशिक्षण हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। साथ ही उन्हें एचएयू में कराए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में भी अवगत कराएं ताकि वे भी यहां से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ
 

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से बेरोजगार युवक-युवतियां प्रशिक्षण हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। साथ ही उन्हें एचएयू में कराए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में भी अवगत कराएं ताकि वे भी यहां से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहे। वे एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में आयोजित प्रतिभागी सहायता वितरण सामग्री समारोह के दौरान बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों की आजीविका उत्थान योजना के तहत किया गया था।

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मुख्यातिथि ने कहा कि ग्रामीण वंचित वर्ग के लिए इस तरह के प्रशिक्षण बहुत ही जरूरी हैं। यहां से नि:शुल्क प्रशिक्षण हासिल कर उम्मीदवार स्वयं को समाज व राष्ट्र निर्माण में अपनी अह्म भूमिका निभा सकता है। समूह बनाकर प्रशिक्षण उपरांत स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं और दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय से जुडक़र यहां बेरोजगार युवक-युवतियों, महिलाओं, किसानों आदि वर्गों के लिए आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षणों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर उसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले उम्मीदवार विश्वविद्यालय की ओर से दिए जाने वाले प्रशिक्षणों व अन्य आधुनिक जानकारियों को अन्य लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बनें और अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें ताकि वे भी इन प्रशिक्षणों का लाभ उठा सकें। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना है ताकि देश के विकास में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की पहुंच मुख्य कैंपस व कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक है। इसलिए विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों, तकनीकों, प्रशिक्षणों व अन्य जानकारियों को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को लाभ मिल सके।

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प्रशिक्षण हासिल कर कमा रहे हैं आजीविका

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने बताया कि एचएयू के सायना नेहवाल संस्थान से विभिन्न प्रशिक्षण हासिल करने के उपरांत लोग स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आजीविका चला रहे हैं और अन्य लोगों को भी इनके प्रति प्रेरित कर रहे हैं। संस्थान में मधुमक्खी पालन, बागवानी, नर्सरी, जैविक खेती, डेयरी फार्मिंग, मशरूम उत्पादन, सिलाई-कढ़ाई, खाद्य पदार्थों के मूल्य संवर्धन सहित विभिन्न प्रकार के रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं जो नि:शुल्क हैं। इसके बाद संबंधित प्रशिक्षण की सामग्री वितरित की जाती है ताकि उम्मीदवार स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आजीविका कमा सके। कार्यक्रम में विभिन्न प्रशिक्षण हासिल करने वाले प्रतिभागियों को सामग्री वितरित की गई। इस अवसर पर संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक गोदारा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया जबकि डॉ. डी.के. शर्मा ने धन्यवाद किया। डॉ. भूपेंद्र ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. संदीप भाकर, डॉ. दलविंद्र सहित संस्थान व विश्वविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक व अधिकारी मौजूद रहे।