इस गांव के किसान सिंगाडे की खेती से कर रहे जबरदस्त कमाई, जानिए इनके संघर्ष की कहानी

हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे गावं के किसानों की कहानी जिन्होनें सिंघाड़े की खेती से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबुत कर लिया। दरअसल यहां पर गांव के करीब दो दर्जन किसान तालाबों में बड़े पैमाने पर सिंघाड़ा की फसल ले रहे हैं जिससे वे अच्छी कमाई कर रहें हैं। जानिए इनकी पुरी कहानी
 

HR Breaking News (नई दिल्ली)।  जांजगीर जिले के अकलतरा ब्लॉक में सबसे ज्यादा सिंघाड़े की खेती की जा रही है. एक समय ऐसा था कि केवल गिने चुने किसान ही सिंघाड़े की खेती करते थे, लेकिन आज स्थित पूरी तरह से बदल गई है. इस समय ग्राम बरगवा में दो दर्जन से अधिक किसाने सिघाड़े की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.


बदलते समय के साथ ही खेती किसानी के क्षेत्र में भी बदलाव आया है. पहले किसान परंपरागत रुप से कुछ ही फसलों की खेती किया करते थे, लेकिन अब उनका कार्यक्षेत्र बढ़ गया है. जांजगीर जिले में अकलतरा ब्लॉक के ग्राम बरगांव में किसान सिंघाड़े की खेती कर आर्थिक रुप से सुदृढ़ हो रहे है. गांव के करीब दो दर्जन किसान तालाबों में बड़े पैमाने पर सिंघाड़ा की फसल ले रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हो रही है.


सिंघाड़े की खेती के फायदे
सिंघाड़े की कीमत की बात करें तो, चिल्हर बाजार में सिंघाड़ा 50 से 60 रुपए प्रति किलों की दर से बिक रहा है. लेकिन किसान सिंघाड़ा को बिलासपुर मंडी में बेचते हैं, जिससे उन्हें एकमुश्त पैसे मिलते है.

सिंघाड़े की रोपाई मार्च-अप्रैल माह से की जाती है, जिसकी फसल तोड़ाई सितंबर नवम्बर तक चलती है, सिघाड़े ठंड की फसल है, जिसके माध्यम से इसकी कीमत बाजार में ज्यादा मिलती है. सिंघाड़े में कई प्रकार की प्रोटीन विटामिन पाई जाती है.