UP me barish : बाढ़ में डूबे 21 जिले, अब इन जिलों होगी घनघोर बारिश, रेड अलर्ट जारी

UP flood and rain alert : उत्तर प्रदेश में मानसून की आफत की बारिश दर्ज की जा रही है। प्रदेश में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। प्रदेश के 21 जिलों में बाढ़ आ गई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लखनऊ में भी बारिश जारी है। मौसम विभाग की ओर से कई जिलों के लिए फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसी बीच स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। 

 

HR Breaking News (UP Rains) उत्तर प्रदेश में लगातार बादल बरस रहे हैं। मानसून की इस बार तगड़ी बारिश देखने को मिली है। पूरे उत्तर प्रदेश में अब सामान्य से तीन प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।

 

4 अगस्त को उत्तर प्रदेश में सामान्य से 404% ज्यादा बारिश हुई है जोकि बहुत ज्यादा अधिक बारिश है। पूरे प्रदेश में औसत 36.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। 

 


400 के आंकड़े को किया पार 


उत्तर प्रदेश में बारिश (barish ka alert) ने 400 के आंकड़े को पार कर दिया है। पूरे प्रदेश में औसत बारिश 400.9 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि 4 अगस्त तक 387.7 एमए बारिश होती है। सामान्य से 3% अधिक बारिश पूरे प्रदेश में दर्ज की जा चुकी है। 

 

 

पूर्वी उत्तर प्रदेश में बढ़ा बारिश का ग्राफ 


पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश (Barish) का ग्राफ बढ़ गया है। शुरुआत में पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से लगभग 25% बारिश कम चल रही थी। अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से मात्र 10% बारिश कम रह गई है और 372.3 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। 4 अगस्त को पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40.1 एमएम बारिश दर्ज की गई जो सामान्य से 498% ज्यादा है। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश का अलर्ट 


पूर्वी उत्तर प्रदेश (East UP) के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश का नजारा देखने को मिला है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 4 अगस्त को सामान्य से 302% ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

यहां 32.2 एमएम बारिश रिकार्ड (rain record) की गई। जबकि सामान्य बारिश 8 एमएम होती है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में 441.7 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है जोकि सामान्य से 27% ज्यादा है। 


इन 21 जिलों में आई बाढ़ 


उत्तर प्रदेश में मौसम विभाग (IMD rain Alert) की ओर से एक बार फिर से तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कई जिलों में बाढ़ का खतरा अभी बना हुआ है। 21 जिलों में बाढ़ आ चुकी है।

इसमें लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, कानपुर नगर, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर, भदोही, फर्रुखाबाद, कासगंज शामिल हैं। इन सभी जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवान राहत एवं बचाव का कार्य कर रहे हैं। 

आज इन इलाकों में हो सकती है बारिश 


मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि 5 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश (west UP) के लगभग सारे स्थानों पर बारिश हो सकती है। पूर्वी यूपी में भी बारिश का दायरा थोड़ा और बढ़ जाएगा। अनेक स्थानों पर बारिश और गरज चमक के साथ बिजली गिर सकती है। इस अवधि के दौरान अलग-अलग हिस्सों में बहुत भारी बारिश होने का अलर्ट है। 


इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट 


भारी बारिश (Heavy Rain Alert) को लेकर कासगंज, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच में अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही बदायूं, संभल, शाजापुर, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर में भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसी प्रकार श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर में भी तेज बारिश का अलर्ट है।


इन जिलों में बिजली गिरने का भी खतरा 


बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर में बारिश के साथ बिजली गिरने का भी अंदेशा है।

 


मैनपुरी, एटा, हाथरस, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, हापुड़, गाजियाबाद, बागपत, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। 

172000 से ज्यादा लोग हुए प्रभावित 


उत्तर प्रदेश में बाढ़ (flood in UP) के कारण एक लाख 72000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 21 जिलों की 48 तहसीलों पर बाढ़ का प्रभाव देखने को मिला है। मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में नाव और मोटर बोट्स लगा दी गई हैं। 4867 नाव का प्रपोजिशन किया गया है।

इन इलाकों में अब तक 120000 खाने  के पैकेट और 163548 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। मेडिकल सहायता भी लगातार दी जा रही है।  1277 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं जो प्रभावित क्षेत्र की निगरानी रख रही हैं।