Wheat Storage Limit : गेहूं को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जानिये कीमतों पर क्या होगा असर
Wheat Storage Limit : देश में सरकार की ओर से गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार की ओर से गेहूं रखने की लिमिट तय कर दी गई है। अब तय लिमिट से ज्यादा गेहूं नहीं रखा जा सकेगा। सरकार के इस कदम से गेंहू की बढ़ रही कीमतों पर अंकुश लगेगा। इससे कीमतें गिर भी सकती हैं।
HR Breaking News (Wheat Storage Limit) भारत एक कृषि प्रदान देश है। देश में गेहूं प्रमुख फसलों में से एक है। हर घर, हर रसोई में गेहूं से बने उत्पादों का प्रयोग होता है। गेहूं के आटे (Wheat Flour) की रोटी के अलावा, ब्रेड भी लोग खूब खाते हैं। अगर इसी के दाम निरंकुश होने लगे तो देश में महंगाई बढ़ना लाजमी है। इसी के लिए सरकार की ओर से बड़ा कदम रखते हुए गेहूं के भंडारण की लिमिट को तय किया गया है। अब एक लिमिट तक ही आप गेहूं रख सकते हैं।
अलग-अलग इलाकों में अलग अलग चल रहे गेहूं के दाम
अभी गेहूं की बिजाई (Gehu ka Season) का सीजन चल रहा है। ज्यादातर इलाकों में बिजाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। ऐसे में सर्दी के मार्केट में मार्च अप्रैल तक नया गेहूं आएगा। इससे पहले अलग-अलग बाजारों में गेहूं की कीमत (gehu ka rate) ऊपर जा चुकी है। ज्यादातर जगहों पर भाव एमएसपी के ऊपर चल रहा है। औसत कीमत ही तीन हजार रुपये प्रति क्वींटल के आसपास चल रही हैं। ऐसे में अब गेहूं की कीमतों को काबू रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
क्या चल रही है गेहूं की कीमत
मंडियों में गेहूं की कीमत (Wheat price Today) की बात करें तो गेहूं दड़ा 2625 से 2675 रुपये प्रति क्वींटल बिक रहा है। आरआर किस्म के गेहूं की कीमत 2700 से 2750 रुपये प्रति क्वींटल चल रही है। वहीं गेहूं फार्म की कीमत 2800 से 2850 रुपये प्रति क्वींटल पर पहुंच गई है। एआई सर्च के अनुसार कुछ मंडियों में गेहूं की कीमत (Wheat Rate) 3000 से 4800 रुपये प्रति क्वींटल चली गई है।
सरकार ने उठाया कदम
सरकार की ओर से खुदरा हो या कोई व्यापारी सभी के लिए भंडारण की सीमा (Wheat Storage Limit) तय कर दी गई है। अगर इस सीमा से ज्यादा गेहूं रखा तो कार्रवाई का प्रावधान है। यह कार्रवाई अलग अलग लेवल के अफसरों की ओर की देखरेख में हो सकती है। अलग-अलग ऑथोरिटी भंडारण की सीमा का ध्यान रखेगी।
कब तक रहेगी लागू
गेहूं के भंडारण (Wheat Storage Limit) की अधिकतम सीमा अगले साल तक लागू किया गया है। जब बाजार में नया गेहूं आ जाएगा उससे पहले ही यह सीमा हटा दी जाएगी। केंद्र के बाद राज्य सरकारों की ओर से भी इसको अपने अपने स्टेट में लागू कराया जा रहा है। महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कौन करेगा भंडारण की जांच
गेहूं के भंडारण की जांच (wheat storage) को करने के लिए कई अधिकारियों को अथॉरिटी दी गई है। इसमें जिले का उपायुक्त, एडीसी, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, जिले के खाद्य आपूर्ति अधिकारी, इसके अलावा अन्य खाद्य आपूर्ति अधिकारी इस लिमिट की जांच कर सकते हैं। अगर कुछ गड़बड़ पाई जाती है तो यह कार्रवाई करा सकते हैं।
कितना रखा जा सकता है गेहूं
गेहूं की भंडारण लिमिट (Wheat storage limit) के अनुसार इसको सभी के लिए लागू किया गया है। दरअसल, इस समय में चक्की वाले और चक्की मिल वालों को आटे के लिए गेहूं की आवश्यकता पड़ती है। अचानक मांग बढ़ने से कीमतें भी बढ़ने लगती है, जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ता है। इसी लिए गेहूं को सभी के लिए समान रूप से देने और कीमतों (gehu ki kimat) पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं भंडारण सीमा तय की गई है।
इसमें खुदरा व थोक व्यापारी ज्यादा से ज्यादा 2 हजार टन गेहूं का भंडारण रख सकता है। वहीं, परचून में यह लिमिट 8 टन रखी गई है। वहीं, चेन रिटेलर के लिए भी यह सीमा 8 टन ही है। यह मध्यप्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर लागू की गई है। अधिकारी किसी भी स्थान, परिसर में इसकी जांच कर सकते हैं।