Hydrogen Car : महाराष्ट्र के युवक ने बनाई सबसे सस्ती हाइड्रोजन कार, माइलेज और फीचर्स जानकर उड़ जाएंगे होश
पेट्रोल और डीजल के दाम बुलंदियों को छू रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के बढ़ते हुए भावों को देखकर इस व्यक्ति ने दुनिया की सबसे सस्ती हाइड्रोजन कार बना डाली। आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी-
HR Breaking News, Digital Desk :सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि इन दिनों दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल की महंगाई सर चढ़कर बोल रही है. पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए भाव की वजह से ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो गया है. देश में वाहन की बिक्री बढ़ती जा रही है, लोकल ट्रांसपोर्ट सुविधाजनक नहीं होने की वजह से घर में जितने सदस्य हैं, लोग उतने वाहन खरीद रहे हैं.
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दुनिया भर में इन दिनों पेट्रोल-डीजल के अलावा वाहन चलाने के लिए ईंधन के दूसरे विकल्प पर ध्यान दिया जा रहा है.
यवतमाल के वाणी में रहने वाले हर्षल एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने हाइड्रोजन से चलने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियंत्रित कार बना दी है जो ₹150 खर्च में ढाई सौ किलोमीटर चलती है. हर्षल ने अपने बचपन के दोस्तों के साथ मिलकर यह कार तैयार की है. इसका नाम सोनिक वन रखा गया है. इस कार का निर्माण पूरी तरह भारत में किया गया है.
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हर्षल ने हाइड्रोजन कार बनाने के लिए एक वर्कशॉप बनाया और उसमें इस कार को तैयार किया. हर्षल ने कहा है कि एक इस कार को एक लिटर लिक्विड हाइड्रोजन से 250 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है. इस समय 1 लीटर लिक्विड हाइड्रोजन की कीमत ₹150 के करीब है.
सोनिक वन कार पिकअप के मामले में पेट्रोल डीजल इंजन वाले कार से बेहतर है और इसकी टॉप स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक है. हर्षल ने कहा है कि उन्होंने कार निर्माता के रूप में देश के कार बाजार में उतरने के लिए एआई कार नाम की कंपनी बनाई है.
हर्षल इस कंपनी के संस्थापक और सीईओ हैं. हर्षल ने कहा, "अगर नियामक और सरकार से समय पर मंजूरी मिल जाती है तो सोनिक वन कार की डिलीवरी साल 2024 तक शुरू हो सकती है."
हर्षल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सोनिक वन कार दिखाया है. अरशद ने इसके लिए वाणी से नागपुर तक हाइड्रोजन कार चलाई है. अब वह कार को कमर्शियल रूप से लांच करना चाहते हैं.
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सरकार के मंत्री की तरफ से उन्हें भरोसा मिला है कि हाइड्रोजन कार बनाने में उन्हें हर तरह की मदद दी जाएगी. हर्षल ने कहा, "पढ़ाई के समय ही यह सोचा था कि हमें जॉब नहीं करनी और अपना काम करना है. इसके साथ ही रिसर्च और इनोवेशन पर जो खर्च किया है, वह किसी बड़ी कंपनी को बेचने की जगह अपना प्रोडक्शन प्लांट शुरू करेंगे."
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हर्षल बचपन से ही कार के प्रति दीवाने थे. उन्होंने बचपन से ही सुपर कार बनाने का सपना देखा था. नागपुर के रायसोनी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री लेने वाले हर्षल ने बचपन के दोस्त दानिश, कुणाल और प्रज्वल के साथ मिलकर यह कंपनी शुरू की है. इन सभी लोगों ने कार बनाने से संबंधित पढ़ाई की है और कार के रिसर्च के लिए जरूरी कुशलता जुटाई है. हर्षल ने हाइड्रोजन से चलने वाली कार बनाने में ₹25 लाख का निवेश किया है.