2nd AIIMS हरियाणा के इस जिलें में बनेगा 22वां एम्स,  210 एकड़ जमीन होगी अधिग्रहण

22nd AIIMS Build In Rewari हरियाणा सरकार (haryana governmrny) जल्द ही प्रदेश को 22वें एम्स(22nd AIIMS) की सौगात देगी। जिसका निर्माण 210 एकड़ जमीन पर होगा निर्माण कार्य को लेकर प्रशासन को जमीन अधिग्रहण(Land Acquire) का काम सौंप दिया गया है। सूत्रों की माने तो निर्माण पर कुल 1300 करोड़ रूपए का खर्च आएगा । वहीं हरियाणा में बनने वाले 22वें एम्स का शिलान्यास पीएम मोदी(PM Narendra Modi) द्वारा किया जाएगा।
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, देश का 22वां एम्स हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव माजरा में बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा को केंद्र सरकार ने यह सौगात दी है। हरियाणा में एम्स के बनने के बाद यहां के लोगों को खासकर  रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, मेवात, पलवल व फरीदाबाद समेत राजस्थान के अलवर व झुंझुनू जिलों को भी इसका फायदा मिलेगा। 

210 एकड़ में होगा निर्माण
एम्स में प्रत्यक्ष रूप से करीब 3000 और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 210 एकड़ में बनने वाले एम्स की घोषणा 2019-20 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने की थी। 

 


750 बेड की होगी व्यवस्था 
रेवाड़ी के माजरा गांव में बनने वाला एम्स हरियाणा की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसमें 750 बेड की व्यवस्था होगी। मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज समेत आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट को मिलाकर करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधा होगी। इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रामा बेड व आयुष बेड की सुविधा भी कैंपस में मिलेगी।
कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस, 1000 सीटों का ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रेजिडेंसल सुविधाएं भी होंगी। एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा। दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर, मेवात जिले के लोग अभी रोहतक स्थित पीजीआईएमएस, गुरुग्राम स्थित निजी अस्पताल और राजस्थान के जयपुर के अस्पतालों पर निर्भर हैं।

बाढ़सा
हरियाणा के झज्जर जिले के बाढ़सा में एम्स का नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया गया है जो पूरे देश के कैंसर रोगियों को इलाज प्रदान कर रहा है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बाढ़सा नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के रूप में कार्य करेगा जो की पूरी तरह एम्स दिल्ली से संचालित हो रहा है।

 

एम्स के राजनीतिक मायने भी
दक्षिण हरियाणा में स्थापित होने वाले इस एम्स के राजनीतिक मायने भी हैं। हरियाणा में दो बार भाजपा की सरकार बनाने में इस क्षेत्र का विशेष योगदान रहा है। वर्ष 2014 से पूर्व क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। मगर इस क्षेत्र के जनाधार वाले नेता हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र के बेटे व वर्तमान में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के 2014 में भाजपा में आने के बाद यह गढ़ भाजपा का हो गया है। भविष्य की राजनीति को देख भाजपा इस क्षेत्र में एम्स जैसी सौगात देकर लंबी राजनीति की तैयारी में है।
80 एकड़ की हुई रजिस्ट्री, किसानों के खाते में पहुंचे 30 करोड़
210 एकड़ में से करीब 150 एकड़ भूमि का किसानों से अधिग्रहण किया जाना है। माजरा गांव के किसानों ने अपनी स्वेच्छा से प्रदेश सरकार के पोर्टल पर केंद्र सरकार की इस परियोजना के लिए भूमि देने की इच्छा जाहिर की। किसानों से सरकार के नाम रजिस्ट्री कराने का कार्य पिछले चार दिनों से चल रहा है। 

रविवार की सुबह तक करीब 80 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री सरकार के नाम हो चुकी थी और करीब 30 करोड़ का मुआवजा किसानों के खाते में ट्रांसफर भी किया जा चुका था। इस परियोजना में करीब 60 एकड़ जमीन पंचायत की है। किसानों से जमीन सरकार के नाम कराने का कार्य अगले बुधवार तक पूरा होने की उम्मीद किसान व सरकार के अधिकारी जता रहे हैं।
 
माजरा गांव के किसानों ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए इस योजना को सिरे चढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एम्स को लेकर वह लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा के संपर्क में रहे। झज्जर के बाढसा एम्स को लेकर भी केंद्र सरकार के अधिकारियों में भ्रांति बनी रही लेकिन प्रयासों से उसको दूर कर लिया गया। - राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय योजना मंत्री।