7th Pay Commission: एक महीने बाद कर्मचारियों को मिलेगा ट्रिपल बोनजा, सैलरी में मोटी बढोतरी
अगर आप खुद सरकारी कर्मचारी हैं या आपके घर-परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. दरअसल एक महीने बाद कर्मचारियों को ट्रिपल बोनजा मिलने वाला है। जिसके तहत सैलरी में मोटी बढोतरी होगी।
HR Breaking News, Digital Desk- अगर आप खुद सरकारी कर्मचारी हैं या आपके घर-परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. नया साल यानी साल 2023 सरकारी कर्मचारियों के लिए जबरदस्त खुशखबरी लेकर आने वाला है. सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के अनुसार नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होने वाला है. कर्मचारियों को सरकार की तरफ से एक नहीं एक साथ तीन बंपर तोहफे मिलने वाले हैं. इन तीनों के आधार पर ही कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त हाइक आएगी. सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में हर साल जनवरी और जुलाई में इजाफा किया जाता है.
महंगाई भत्ते में इजाफा-
जुलाई 2022 के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत इजाफे का ऐलान सरकार की तरफ से सितंबर में किया जा चुका है. इसके बाद जनवरी 2023 में 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने की उम्मीद है. इस पर महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत का इजाफा होने पर यह बढ़कर 42 प्रतिशत हो जाएगा. जानकारों का कहना है कि साल 2024 के चुनाव से पहले सरकार कर्मचारियों को और भी तोहफे देने पर विचार कर रही है. सरकार की तरफ से फिटमेंट फैक्टर पर ऐलान के अलावा पुरानी पेंशन योजना की बहाली की भी घोषणा की जा सकती है.
फिटमेंट फैक्टर-
मोदी सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़ाकर 3.68 किया जा सकता है. ऐसा होने पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होगा. करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारी पिछले कई महीनों से फिटमेंट फैक्टर में इजाफे की मांग कर रहे हैं. अभी कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 18 हजार रुपये है. फिटमेंट फैक्टर पर फैसला आने के बाद यह बढ़कर 26000 रुपये हो जाएगी. अभी तक इस पर किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है.
पुरानी पेंशन योजना की बहाली-
लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की जा सकती है. ऐसा होता है तो कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी. पंजाब समेत कई राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है. आपको बता दें सरकार की इस योजना को 1 अप्रैल, 2004 से बंद किया गया था. नई योजना के अनुसार, कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन में योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है.