8th pay commission : केंद्रीय कर्मचारियों के आठवें वेतन आयोग और NPS पर आया बड़ा अपडेट, ये फॉर्मूला होगा लागू

8th pay commission Latest Update : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पहला वेतन आयोग 1946 में लाया गया था। साल 1947 से लेकर अब तक 7 वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन हो चुका है। सरकारी कर्मचारियों के लिए आखिरी वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को लाया गया था और इसकी सिफारिशें साल 2016 में लागू हुई थी। केंद्रीय कर्मचारी पिछले लंबे समय से आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की मांग कर रहे हैं। 

 

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। केंद्र सरकार कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर (Government employee salary structure) में बदलाव करने के लिए सरकार हर 10 साल में एक पे कमीशन यानी नए वेतन आयोग (new pay commission) का गठन करती है। इसकी सिफारिशों के आधार पर ही केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) का वेतन तय किया जाता है। अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। 


मीडिया के सूत्रों की मानें तो अगला वेतन आयोग (8th pay commission Latest Update) आए या न आए, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी का नया फॉर्मूला तैयार किया जाएगा।  फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से सैलरी बढ़ाने की जगह अब नए फॉर्मूले से बेसिक सैलरी (Basic Salary Hike) बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।  इसके अलावा हर साल कर्मचारियों के मूल वेतन बढ़ाने की योजना है। ये नया नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू होने की संभावना है।


 

केंद्रीय कर्मचारियों का हर तय की जाएगी बेसिक सैलरी


सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission News) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था।  सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन (Central Employees Salary) तय करने के लिए नए फॉर्मूले से हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय किया जाएगा।  हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से इस तरह से किसी डेवलपमेंट के बारे में पुष्टि नहीं की है। सूत्रों का मानना ​​है कि अब समय वेतन आयोग  (New Pay Commission) से अलग से वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार करने का है।  हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
 

 

इस नए फॉर्मूले पर हो रही है चर्चा


कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ौतरी के लिए एक्रोयड फॉर्मूला (Salary increase formula) पर विचार किया जा रहा है। इस नए फॉर्मूले की चर्चा पिछले लंबे समय से हो रही है। दरअसल, वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन (Government Employees Minimum Basic Salary) फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होता है। 


इस पर हर 6 महीने में महंगाई भत्ता (DA Hike) संशोधित किया जाता है।  लेकिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जानकारों के अनुसार, नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई दर, रहने की लागत और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा।  इन सभी चीजों के आकलन के बाद हर साल सैलरी (Salary Hike) में बढ़ौतरी होगी। ये बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में होता है।

 


जानिये, क्यों बनाया जा सकता है नया फॉर्मूला 


केंद्र सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को समान लाभ मिले। अभी ग्रेड-पे के हिसाब से सभी कर्मचारियों की की सैलरी में बड़ा अंतर है। लेकिन, नया फॉर्मूला आने के बाद इस अंतर को भी पाटने का प्रयास किया जा सकता है। फिलहाल में सरकारी विभागों में 14 पे ग्रेड हैं। 


हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी शामिल हैं।  लेकिन, इनकी सैलरी में बड़ा अंतर है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने को बताया कि सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees News) के रहन-सहन की स्थिति में सुधार करना है। नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है। आठवें वेतन आयोग (8th pay commission Update) में क्या होगा ये कहना जल्दबाजी हागी।


 

वेतन बढ़ौतरी का नया फॉर्मूला


सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के वक्त जस्टिस माथुर ने संकेत दिया था कि हम वेतन ढांचे को नए फॉर्मूले में ले जाना चाहते हैं। इसमें रहने के खर्च को ध्यान में रखकर कर्मचारियों की सैलरी तय की जाएगी। समय की मांग है कि महंगाई की तुलना में कर्मचारियों को वेतन मिले। बता दें Aykryod Formula लेखक वालेस रुडेल एक्रोयड ने दिया था। उनका मानना ​​था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़े सबसे महत्वपूर्ण हैं। अगर इन सब चीजों के दाम बढ़ते हैं, तो कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ौतरी होनी चाहिए।

 


NPS में भी होगा ये बड़ा बदलाव


सरकारी कर्मचारी पिछले लंबे से समय से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) बहाली की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर सरकार का OPS  लागू करने का कोई मूड नहीं है। अब केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में साल के अंत से संशोधन कर सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट भुगतान के तौर पर  उनकी अंतिम सैलरी की कम से कम 40 से 50 फिसदी पेंशन मिल सके। इसकी सिफारिश हाई-लेवल पैनल ने की थी। रिपोर्ट के अनुसार इससे जुड़े 2 लोगों ने बताया कि फिलहाल NPS में बदलाव पर विचार किया जा रहा है।


ये हो सकता है बदलाव


सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme Update) में सरकार कुछ बदलाव कर सकती है।  ये संशोधित पेंशन योजना मार्केट रिटर्न से जुड़ी रहेगी। लेकिन सरकार कर्मचारी की आखिरी सैलरी का कम से कम 40 फीसदी देने के सिस्टम पर काम कर रही है। 
रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से जुड़े अधिकारी का कहना है कि सरकार एक आधार राशि सुनिश्चित कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार को  पेंशन में कमी को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ेगा। फिलहाल कर्मचारी औसतन 36 फीसदी से 38 फीसदी के बीच पेंशन मिलती है।