Chanakya Niti: पत्नी होने के बावजूद भी पति दूसरी महिला में क्यों लेता है दिलचस्पी, जानिए पीछे का राज
 

अक्सर आपने देखा होगा कि पत्नी होने के बावजूद भी कुछ लोग दूसरी महिलाओं में दिलचस्पी लेना शुरू कर देते है। आइए नीचे खबर में जानते है इसको लेकर क्या कहती है चाणक्य नीति
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के नीति शास्त्र के सिद्धांत इतने स्वाभाविक और प्रभावशाली हैं कि हर कोई इसे आत्मसात कर लेना चाहिए. इससे कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकता है. दरअसल चाणक्य (Chanakya) ने अपने नीति शास्त्र में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, परिवार, रिश्ते, मर्यादा, समाज, संबंध, देश-दुनिया के साथ ही कई और मुद्दों को लेकर सिद्धांत निरूपित किये हैं.

ये सारी नीतियां प्रासंगिक हैं. इसी के तहत चाणक्य (Chanakya Niti) ने पति-पत्नी (Husband-Wife) के रिश्तों पर भी अपने सिद्धांत दिए हैं, जिसे जानना बेहद जरूरी है. कहा जाता है कि स्त्री हो या पुरुष किसी अन्य के लिए आकर्षण सामान्य-सी बात है. यह गलत नहीं है, लेकिन जब यह आकर्षण किसी की प्रशंसा से कहीं आगे बढ़ कर एक नये रिश्ते का निर्माण करने लगे, यानी पति एक पत्नी के होते किसी अन्य औरत से रिश्ते बनाने लगे तो यह अनैतिक हो जाता है. यहां कुछ ऐसे ही रिश्तों की बात करते हैं.

मोह भंग होना!

यह मानवीय कमजोरी है कि हर पति-पत्नी एक दूसरे से स्वयं को सबसे आकर्षक व्यक्ति कहलवाने की उम्मीद रखते हैं. अगर पति-पत्नी किसी वजह से एक दूसरे का ध्यान नहीं रखते हैं, वे एक दूसरे के साथ पर्याप्त टाइम स्पेंड नहीं करते हैं, अथवा पार्टनर एक दूसरे का केयर नहीं करते हैं, सारे गुण अवगुण लगने लगे तो समझ लेना चाहिए, तो दोनों के बीच रिश्तों में खटास आने लगती है, जिसका असर यह होता है कि पति पत्नी से विमुख होकर किसी और स्त्री की ओर आकर्षित होने लगता है.

घर में नये शिशु का पदार्पण!

आम पति-पत्नी जिस दिन माता-पिता बनते हैं, उनके जीने के नजरिये में आमूल परिवर्तन आने लगता है. दोनों की सोच एवं जीवन शैली बदलती है. पत्नी पति के साथ शारीरिक संबंध कमतर होने लगता है, क्योंकि पत्नी का ज्यादा वक्त अपने नवजात शिशु के साथ गुजरता है. यही वह समय होता है, जब पति दूसरी औरत की ओर आकर्षित होता है


आपसी संबंधों में मधुरता की कमी!

कभी-कभी विपरीत सोच के कारण पति-पत्नी के बीच दैहिक संबंधों में पूर्ण संतुष्टि नहीं मिलती. इससे दोनों के बीच आकर्षण क्रमशः कम होने लगता है, और पति अथवा पत्नी कोई भी एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर में रुझान रखना शुरू कर देते हैं. यहां दैहिक संबंध का मतलब केवल सेक्सुअल संबंध ही नहीं, बल्कि एक दूसरे को मन और व्यवहार से भी बांधने में असफल रहते हैं.

कम उम्र में विवाह!

कभी-कभी कम उम्र में शादी करना भी आगे चलकर दाम्पत्य जीवन में समस्याएं पैदा करता है, क्योंकि पहली बात तो आप समझदारी के लेबल से काफी निचले स्तर पर होते हैं, इसके साथ ही आप अपने करियर को लेकर भी अस्त-व्यस्त रहते हैं, ऐसे में करियर जब थोड़ा बैलेंस लगने लगता है तो लोगों को लगता है कि बीते दिनों में आपने ऐसी कई चीजें छोड़ दी हैं, जिन्हें हासिल करना था, तब लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में रुचि लेने लगते हैं.

रिलेशनशिप में भरोसे का अभाव!

अकसर देखने में आता है कि पति अपने एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर को अपनी उपलब्धि मानता है. ऐसे में पति-पत्नी का एक दूसरे के प्रति समर्पण और सेक्स लाइफ का कामयाब होना बहुत मायने रखता है, वरना दाम्पत्य जीवन में जल्द ही गांठ पड़ने लगेगी. कभी-कभी तो अपने साथी के साथ संबंधों से संतुष्ट होने के बाद भी दूसरे संबंध बनाने के लिए पति आतुर रहते हैं. यह स्थिति आपके जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है.