Chanakya Niti: परिवार में किसी भी सदस्य को है ये लत, तो हो जाएं सतर्क
HR Breaking News (ब्यूरो) : आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब है कि जो मनुष्य जुए में लिप्त रहता है उसके कोई भी कार्य पूरे नहीं होते, यानी कि ये लत खाई के समान है.
जिस तरह खाई को भरने की मनुष्य कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें लेकिन उसे भर पाना मनुष्य के हाथ से बाहर है. ठीक उसी तरह जुए में लिप्त मनुष्य अपने किसी भी कार्य को पूरा नहीं कर पाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जुए की लत भी उसी खाई के समान है जिसमें जितनी भी चीजें क्यों न डाल दें उसे भरा नहीं जा सकता.
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कई बार तो ऐसा होता है कि मनुष्य इस लत की गिरफ्त में आकर अपना सब कुछ दांव पर लगा देता है. आखिर में जब उसके हाथ कुछ नहीं लगता तो वो राजा से रंक भी हो सकता है.
ऐसे व्यक्ति का दिमाग भी हमेशा जुए की लत में सराबोर होता है, वो हमेशा यही सोचता रहता है कि शायद इस बार पैसा लगाने से उसे फायदा होगा. कई बार उसे थोड़ा मुनाफा भी होता है.