Chanakya Niti : ऐसे लोगों को आपकी खुशियों से होती है जलन, फायदा उठाने की रहते हैं ताक में

आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन के लिए कई अहम बातें बताई हैं। आचार्य ने अपनी नीतियों में मानव जीवन के रिश्तें, मित्रता, निजी जीवन, नौकरी और व्यापार के बारे में विस्‍तार से बताया है। चाणक्य कहते है मनुष्‍य की तरक्की इस बात पर निर्भर करती है की वो किन लोगों के बीच और किस स्थान पर रहता है।
 

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। आचार्य चाणक्‍य ने नीति शास्‍त्र में मानव जीवन के बारे में विस्‍तार से बताया है। आचार्य ने अपने अनुभव के आधार पर मानव जीवन, रिश्तें, मित्रता, नौकरी और व्यापार में सफलता हासिल करने के भी कई उपाय बताए हैं। आचार्य कहते है मनुष्‍य की सफलता इस बात पर निर्भर करती है की वह किस जगह पर और किन लोगों के बीच रहता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, हर व्‍यक्ति के जीवन में उसके रहन-सहन का सबसे ज्‍यादा प्रभाव पड़ता है। अगर कोई व्‍यक्ति बगैर सोचे समझे किसी ऐसी जगह पर रहने चला जाता है, जहां उसका कोई अपना नहीं होता तो उसके जीवन का रास्‍ता मुश्किलों से भर जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्‍त्र में कुछ ऐसी जगहों का जिक्र किया है, जहां पर व्‍यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं रहना चाहिए।

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यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:।


मान-सम्मान बहुत जरूरी


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी स्‍थान पर रहने के लिए व्‍यक्ति के लिए मान-सम्मान बहुत जरूरी है। जहां पर मान-सम्‍मान न मिलता तो, वहां पर कभी नहीं रहना चाहिए। क्‍योंकि आदर व सम्मान के बगैर किसी स्‍थान पर रहना एक जानवर के रहने के समान होता है। ऐसी जगह पर रहने से छवि खराब होने के साथ सफलता मिलने में रूकावट आती है।


रिश्तेदारों से दूरी


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, जिस स्‍थान पर किसी व्‍यक्ति का कोई रिश्तेदार या दोस्त न रहता हो, उस जगह पर भूल कर भी नहीं रहना चाहिए। क्‍योंकि ऐसे स्‍थान पर व्‍यक्ति को जरूरत के समय किसी तरह की मदद नहीं मिल पाती है। साथ ही अपनों के बगैर कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

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अशिक्षितों से दूरी


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, जहां पर शिक्षा की उचित व्‍यवस्‍था न हो वहां पर लोगों कभी नहीं रहना चाहिए। क्‍योंकि ऐसी जगहों पर रहने वाले दूसरे लोग अज्ञानतावश कभी भी आर्थिक व शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही अशिक्षितों के बीच रहने से व्‍यक्ति गलत मार्ग पर जा सकता है।


मूलभूत सुविधाओं का अभाव


आचार्य चाणक्‍य का मानना है कि मनुष्‍य में समय के साथ मानसिक विकास भी बहुत जरुरी है। इसलिए ऐसी जगह पर कभी भी नहीं रहना चाहिए, जहां पर जरूरी मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो। ऐसी जगह पर रहने से पूरे परिवार का विकास रूक सकता है, यह नुकसानदायक हो सकता है।

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 (नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. HR Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.)