EPFO में बदलाव, 75 लाख कर्मचारियों पर होगा सीधा असर

सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम के लिए सैलरी लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल यह सीमा 15,000 रुपये है. आइए नीचे खबर में जानते है इससे जुड़ी लेटस्ट अपडेट.

 

HR Breaking News, Digital Desk- सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम के लिए सैलरी लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल यह सीमा 15,000 रुपये है. इसे बढ़ाकर 21,000 रुपये करने पर विचार किया जा रहा है. गौरतलब है कि जिन कंपनियों के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक है वहां कर्मचारी और नियोक्ता को अपने-अपने हिस्से से पीएफ के रिटायरमेंट सेविंग स्कीम में अंशदान करना होता है. द इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, सैलरी लिमिट पर फैसला लेने के लिए एक समिति भी बनाई जाएगी.

कर्मचारी के मूल वेतन का 12 फीसदी ईपीएफओ में जाता है. इतना ही हिस्सा कंपनी/नियोक्ता भी उसके पीएफ खाते में डालता है. हालांकि, कंपनी के 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी कर्मचारी की पेंशन स्कीम में और 3.67 फीसदी ईपीएफ में जाता है. बता दें कि 15,000 रुपये से कम की बेसिक सैलरी वाले कर्मचारियो के लिए इस ईपीएफओ में अंशदान देना अनिवार्य होता है. इससे अधिक की बेसिक सैलरी वाले लोग स्वेच्छा से इसके साथ जुड़े रह सकते हैं.


कब-कब हुआ बदलाव-


अब तक कुल 8 बार सैलरी लिमिट में बदलाव किया जा चुका है. 1952 में जब योजना की शुरुआत हुई तब यह लिमिट 500 रुपये थी. इसके बाद 1962 में इसे बदलकर 1,000 रुपये किया गया. इसी तरह 1976 में 1,600 रुपये, 1985 में 2,500 रुपये, 1990 में 3,500 रुपये, 1994 में 5,000 रुपये, 2001 में 6,500 रुपये और 2014 के बाद से यह लिमिट 15,000 रुपये है. अगर इस बार लिमिट 21,000 रुपये हो जाती है तो 75 लाख और कर्मचारी अनिवार्य रूप से ईपीएफओ के दायरें में आ जाएंगे. गौरतलब है कि ईपीएफओ के तहत कुल 6.8 करोड़ कर्मचारी रजिस्टर्ड हैं.

क्या है ईपीएफओ-


इसकी स्थापना 1952 में हुई थी और इसके पास संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने की जिम्मेदारी है. ईपीएफओ रिटायरमेंट के कर्मचारियों को पेंशन मुहैया कराता है. इस अलावा सालों से जमा राशि का एक हिस्सा एकमुश्त भी दिया जाता है. साथ ही ईपीएफओ कर्मचारी की अप्रत्याशित मृत्यु की सूरत में उसके आश्रितों को 7 लाख रुपये तक का बीमा मुहैया कराता है.

अंशदान पर मिलता है ब्याज-


ईपीएफओ में जो भी राशि जमा की जाती है सरकार उस पर ब्याज देती है. फिलहाल ईपीएफओ पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है. ब्याज के साथ मिलकर पीएफ खाते में जमा राशि काफी बढ़ जाती है इसलिए प्रोविडेंट फंड नौकरीपेशा लोगों के बीच बचत का एक बेहतरीन इस्ट्रूमेंट माना जाता है.