देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों का होगा विस्तार, सरकार कर रही है पुख्ता इंतजाम

Public Electric Vehicle Charging Infrastructure: भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए देश में चार्जिंग व्यवस्था को और भी पुख्ता करने की तैयारियां कर रही है.
 

सरकार ने फैसला किया है कि आने वाले दिनों में देश में और नए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. देश भर के प्रमुख शहरों और राजमार्गों में ओएमसी द्वारा 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. 


सरकार के प्रयासों से पिछले चार महीनों में 9 बड़े शहरों में चार्जिंग स्टेशनों में 2.5 गुना वृद्धि हुई है. देश के 9 बड़े शहरों में अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच 678 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की अतिरिक्त स्थापना की गई है. इलेक्ट्रिक वाहन ही भारत का भविष्य है और ये प्रारूप स्टेशन उस भविष्य के लिए सरकार की ओर से की जाने वाली तैयारी है. 


 ईवी चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा दे रही है सरकार


सरकार ने प्राइवेट और सरकारी एजेंसियों (बीईई, ईईएसएल, पीजीसीआईएल, एनटीपीसी, आदि) को शामिल करके सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 360-डिग्री प्रयास किए हैं. लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए सुविधाजनक चार्जिंग नेटवर्क ग्रिड विकसित करने के लिए कई निजी संगठन भी ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आगे आए हैं. 

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इन 9 बड़े शहरों में लगभग 940 स्टेशन


विद्युत मंत्रालय (MoP) ने योजना बनाई है कि चार्जिंग स्टेशन 3×3 किमी ग्रिड के क्षेत्र में होने चाहिए. वर्तमान में, भारत में कुल 1640 चालू सार्वजनिक ईवी चार्जर हैं.

जिनमें से 9 शहरों (सूरत, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई) में लगभग 940 स्टेशन हैं. सरकार ने शुरू में इन 9 बड़े शहरों (4 मिलियन से अधिक की आबादी वाले) पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. 


इन 9 शहरों में अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच 678 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की अतिरिक्त स्थापना की गई है, जो पहले की संख्या का लगभग 2.5 गुना है. इन मेगा शहरों में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की संतृप्ति के बाद, सरकार की योजना चरणबद्ध तरीके से अन्य शहरों में कवरेज का विस्तार करने की है.


ईवी चार्जिंग से जुड़ी इन बातों को रखें याद


सरकारी जमीन का इस्तेमाल सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए होगा. रेवन्यू-शेयरिंग के आधार पर 1रुपए/kWh की दर तय. तिमाही आधार पर भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी को भुगतान किया जाएगा. 10 साल की अवधि के लिए होगा कॉन्ट्रेक्ट.

आवेदन पर जल्द मुहैया कराया जाएगा बिजली कनेक्शन. पीसीएस को मेट्रो शहरों में 7 दिन में बिजली कनेक्शन. अन्य नगर निगम क्षेत्रों में 15 दिन में बिजली कनेक्शन.

ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन के भीतर कनेक्शन. पब्लिक स्टेशन को बिजली की आपूर्ति के लिए सिंगल पार्ट टैरिफ होगा . 31 मार्च 2025 तक "आपूर्ति की औसत लागत" से अधिक नहीं होगा. राज्य सरकारें तय करेंगी सेवा शुल्क.