Employees Update - कर्मचारियों के पक्ष में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कई गुना बढ जाएगी पेंशन

किसी भी नौकरीपेशा के लिए उसके भविष्‍य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन सबसे बड़ी अमानत होती है. अब पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. जो कर्मचारियों के पक्ष में आया है। जिसके तहत कर्मचारियों की पेंशन कई गुना बढ़ जाएगी.

 

HR Breaking News, Digital Desk- किसी भी नौकरीपेशा के लिए उसके भविष्‍य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन सबसे बड़ी अमानत होती है. अब पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के लागू होने के बाद  प्राइवेट सेक्‍टर के कर्मचारियों के पेंशन में कई गुना तक की बढ़ोतरी हो जाएगी. आइए समझते हैं इस फैसले के बारे में.  


दरअसल, भारत सरकार के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. यह याचिका केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ थी. केरल हाईकोर्ट ने प्राइवेट सेक्‍टर के कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन देने का आदेश दिया गया था. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. वर्तमान में EPFO द्वारा 15,000 रुपये के बेसिक वेतन की सीमा के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन देनी होगी. ऐसे में कर्मचारियों का पेंशन कई गुना बढ़ जाएगी. इसमें नुकसान बस इतना है कि पेंशन तो बढ़ेगा, लेकिन पेंशन फंड की निधि कम हो जाएगी. हालांकि नए नियम से पेंशन इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी तो वह गैप भर ही जाएगा.

बता दें कि कर्मचारियों के बेसिक वेतन का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में जाता है और 12 फीसदी उसके नाम से कंपनी को जमा करना होता है. कंपनी की 12 फीसदी हिस्सेदारी में 8.33 फीसदी (1250 रुपये मासिक से ज्यादा नहीं)  हिस्सा पेंशन फंड में जाता है और बाकी 3.66 पीएफ में. 

केंद्र सरकार ने  कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) की शुरुआत 1995 में की थी. इसके तहत कंपनी, कर्मचारी के 6,500 तक के बेसिक वेतन का 8.33 फीसदी हिस्सा (अधि‍कतम 1,250 रुपये प्रति महीना) कर दिया. 

EPF या EPS में, ऐसे कर्मचारियों का अंशदान जमा होना अनिवार्य है, जिनका बेसिक वेतन + DA 15000 रुपये या इससे अधिक होता है. जो कर्मचारी इससे अधिक बेसिक सैलरी पाते हैं, उनके पास ईपीएफ और EPS को अपनाने या छोड़ने का विकल्प होता है.