Privatization - अब और तेजी से बिकने जा रही है सरकारी कंपनियां, जानिए सरकार का नया प्लान
 

इस बैंक के निजीकरण की प्रोसेस शुरू करने के बाद, अब सरकार का लक्ष्य अपने शेष विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाना हैं। जिसमें बिक्री के लिए प्रस्ताव, रणनीतिक परसंपत्ति निपटान और नई लिस्टिंग तैयार करना हैं। आइए निचे खबर में जानते है सरकार का नया प्लान। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रोसेस शुरू करने के बाद, अब सरकार का लक्ष्य अपने शेष विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाना हैं। जिसमें बिक्री के लिए प्रस्ताव, रणनीतिक परसंपत्ति निपटान और नई लिस्टिंग तैयार करना हैं। निजीकरण पाइपलाइन हैं। इसमें कंटेनर कॉर्प ऑफ इंडिया (कॉनकोर) और उसके साथ एयर इंडिया की बहुत सारी कंपनियां हैं। जो कंपनियां अभी भी सरकार के पास ही हैं।

विनिवेश को विशुद्ध रूप से राजकोषीय संख्या के नजरिए से देखना अनुचित होगा-


 डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे ने एक इंटरव्यू में ईटी को बताया इसके अनुसार, इसमें और भी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) होंगे। जब उनसे यह पूछा गया कि 65 हजार करोड़ रूपये के वित्तीय वर्ष 2013 के परिसंपत्ति-बिक्री लक्ष्य को पूरा करने के बारे में विभाग कितना आश्वस्त था। तब उनकी तरफ से कहा गया कि विनिवेश को विशुद्ध रूप से राजकोषीय संख्या के नजरिए से देखना अनुचित होगा।

इन्वेस्टमेंट में वृद्धि और नौकरीयों लिए कई सारे मौके हैं-


 पांडे की तरफ से कहा गया कि पिछले कुछ वक्त से मुझे लगता हैं कि विनिवेश से संभावना बहुत अधिक प्राप्ति को नहीं हैं। मगर, इन्वेस्टमेंट में वृद्धि और नौकरीयों लिए कई सारे मौके हैं। एआईईएसएल, एआईएएसएल और एलायंस एयर अभी भी राज्य के स्वामित्व में हैं, टाटा समूह को एयर इंडिया को बेच दिया गया हैं। केंद्र जल शक्ति मंत्रालय के तहत विकास एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए) और एक इंजीनियरिंग परामर्श और वैपकोस लिमिटेड जो निर्माण कंपनी हैं। उसको सूचीबद्ध करने की योजना बना रहा हैं।

एससीआई डीमर्जर एक बेहतर चरण में हैं-


 पांडे ने कहा है कि वैपकोस के मामले में रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस का मसौदा को पहले ही दायर किया जा चुका है। उनकी तरफ से कहा गया कि सरकार इरेडा और ईसीजीसी एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड की लिस्टिंग में नजर लगाएं हुए हैं। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) डीमर्जर एक बेहतर चरण में हैं और जब प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।

इसका विनिवेश किया जाएगा। उनकी तरफ से कहा गया कि सरकार जल्द ही खनन कंपनी एनएमडीसी के लिए ईओआई को आमंत्रित करेगी। एचएलएल लाइफकेयर एंड प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड (पीडीआईएल) उचित परिश्रण के एक उन्नत चरण में हैं।