Haryana Project हरियाणा में करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाले ये 2 प्रोजेक्ट रिजेक्ट, यूं बिगड़ी बात
 

Two big projects of Haryana canceled  हरियाणा (Haryana) में नगर निकाय चुनाव की आचार संहिता के बाद अब एक बार दोबारा विकास कार्यो को लेकर हरियाणा सरकार एक्शन में नजर आ रही है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) व पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला (Former CM Omprakash Chautala) के द्वारा उनाउंसमेंट हरियाणा के दो बड़े प्रोजेक्ट को जमीन न मिलने की वजह से रिजेक्ट कर दिया है। आइए नीचे खबर में जानते है कि प्रोजेक्ट को लेकर कैसे बिगड़ी बात
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, नगर निकास चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद सरकार एक बार फिर से विकास कार्यों को गति दे रही है, इसी के चलते टोहाना में गलियों व सड़कों के निर्माण के लिए नगर परिषद ने सवा 8 करोड़ के टेंडर जारी किए हैं। लेकिन जिले के फतेहाबाद व टोहाना में पिछले कई सालों से प्रस्तावित 2 बड़े प्रोजेक्ट टोहाना का नया बस स्टैंड और फतेहाबाद में बनने वाली जेल जमीन नहीं मिलने के चलते रिजेक्ट कर दिए गए हैं।

 

यह पहला मौका नहीं है कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स को रद्द किया गया हो। इससे पहले भी ये प्रोजेक्ट जमीन नहीं मिलने के चलते रिजेक्ट किए जा चुके हैं। हैरत की बात है कि इनमें से टोहाना बस स्टैंड 2014 में सीएम मनोहर लाल की अनाउंसमेंट है जबकि फतेहाबाद में जेल की घोषणा ओमप्रकाश चौटाला सहित उनके बाद बने सभी मुख्यमंत्री कर चुके हैं, लेकिन आज तक विभाग और सरकार जेल के लिए जगह का चुनाव नहीं कर पाई हैं।

 


पढ़िए… क्यों रिजेक्ट हुआ टोहाना के नए बस स्टैंड का प्रपोजल
टोहाना में नया बस स्टैंड बनाने के लिए हिसार रोड पर बाइपास के नजदीक की 4 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी। इस जमीन को लेकर पिछले 8 साल से अधिकारी व जमीन मालिकों से बातचीत कर रहे हैं लेकिन कभी रेट पर सहमति नहीं बनी तो कभी जमीन मालिक जमीन देने का राजी नहीं हुए। इतना ही नहीं सीए तक इन जमीन मालिकों से बात कर चुके हैं। इस बार इस जमीन के रिजेक्ट होने का जमीन मालिकों चाचा-भतीजा का आपसी विवाद है।


यूं बिगड़ी बात… एक की पूरी जमीन बस स्टैंड में आ रही थी, दूसरे की कम
टोहाना बस स्टैंड के लिए प्रस्तावित उक्त जमीन के दोनों मालिकों चाचा-भतीजा में से एक की पूरी जमीन बस स्टैंड में आ रही थी जबकि दूसरे की आधी जमीन आ रही थी, ऐसे में जिसकी जमीन बाकी बच रही थी उसको बस स्टैंड बनने से भविष्य में भी फायदा होना था, इसी बात को लेकर दोनों जमीन मालिकों में सहमति नहीं बनी और उन्होंने जमीन देने से इनकार कर दिया जिसके चलते अब बस स्टैंड का काम ठंडे बस्ते में चला गया है।

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धांगड़ के किसान मांग रहे थे 50 लाख प्रति एकड़, विभाग ने लगाए 32 लाख
नेशनल हाइवे स्थित गांव धांगड़ में जेल के लिए 72 एकड़ भूमि एक्वायर की जानी थी। विभाग ने इसकी ड्राइंग भी तैयार कर ली थी तथा उच्चाधिकारियों और डीसी इस जमीन का निरीक्षण कर रिपोर्ट भी दे चुके थे। लेकिन किसानों और सरकार के बीच रेट को लेकर सहमति नहीं बनी। किसानों ने प्रति एकड़ 50 लाख रुपये मांगे थे जबकि कलेक्टर रेट के अनुसार प्रति एकड़ 32 लाख रुपये बन रहे थे। रेट पर सहमति नहीं बनने के कारण यह प्रोजेक्ट धांगड़ से रिजेक्ट कर दिया गया है।


जेल के लिए अब बीघड़ की 45 एकड़ जमीन देख रहा विभाग
गांव धांगड़ की भूमि पर सहमति नहीं बनने के बाद अब जिला प्रशासन व विभाग गांव बीघड़ में जमीन देख रहा है। अधिकारी यहां की 45 एकड़ जमीन का जल्द ही निरीक्षण भी करेंगे ताकि यहां पर जेल बनाई जा सके। यहां बता दें कि बीघड़ की जमीन के कलेक्टर रेट कम होने के चलते यहां की यदि जमीन मालिक राजी हुए तो विभाग को कम रेट में भी मिल सकेगी।


शहर में नया जलघर बनने से दूर होगी पानी की समस्या
यहां बता दें कि टोहाना में पब्लिक हेल्थ विभाग के 40 करोड़ के काम प्रस्तावित हैं इनमें शहर में एक नया जलघर भी बनाया जाना है, जिसके बनने से पीने के पानी की समस्या दूर होगी। वहीं गांवों में पंचायत विभाग की पुरानी बिल्डिंगों का नवीनीकरण कर विभाग 36 महिला सांस्कृतिक केंद्र, 47 जिम और 54 ई-लाइब्रेरी बनाएगा।


गुणवत्तापूर्ण होगा प्रत्येक विकास कार्य: बबली
बस स्टैंड की जमीन को लेकर सहमति नहीं बन पाई है इसको लेकर प्रशासन को और भूमि देखने के लिए कहा गया है, शहर में सवा 8 करोड़ से विकास के 55 कार्य जल्द शुरू हो जाएंगे, गांवों का भी शहर की तर्ज पर विकास कर टोहाना की प्रदेश में अलग पहचान बनाई जाएगी।
देवेंद्र बबली, विकास एवं पंचायत मंत्री।