Haryana news:2 लाख रुपए किलो का मशरूम उगाता है ये किसान,इजरायल की कंपनी का 25 लाख का पैकेज ठुकराया, अब हर साल 50 लाख कमाई

Haryana news today: ये हैं राजस्थान के मशरूम किंग। मशरूम किंग इसलिए क्योंकि ये जो मशरूम उगाते हैं, वे बेहद खास और कीमती हैं।
 

एक किलो की कीमत है 2 लाख रुपए। यानी एक किलो चांदी(66,100 रुपए) से 3 गुना महंगा। 12वीं तक पढ़े सीकर के छोटे से गांव नानी में रहने वाले मोटाराम शर्मा ने अब 9 लैब का प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके बाद सालाना 200 किलो का प्रोडक्शन करेंगे।


मोटाराम मेडिसिनल मशरूम के सबसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। उन्होंने सीकर के विजयपुरार गांव के पास अपने फार्म हाउस पर मेडिसिनल मशरूम लैब बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है।


फार्म हाउस पर कॉर्डिशेप मिलिटरिस मशरूम की एक लैब लग चुकी है। इस लैब में 2 महीने में छह किलो कॉर्डिसेप मिलिटरिस मशरूम पैदा हो रही है। कॉर्डिसेप मशरूम की वेलनेस मेडिसिन(स्टेमिना मेडिसिन) के तौर पर अच्छी मांग है।

बाजार में यह 2 से 5 लाख रुपए किलो तक बिकता है। मोटाराम शर्मा मलेशिया का मेडिसिनल मशरूम गैनोडर्मा का देश में कमर्शियल उत्पादन करने वाले पहले किसान हैं।

इससे पहले जब वे 2011--12 में इजरायल गए तो 25 लाख का ऑफर मिला। मोटाराम ने इसे ठुकरा दिया और अब कई तरह के मशरूम प्रोडक्शन से 50 लाख की कमाई कर रहे हैं।

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25 साल पहले साधारण मशरूम से की थी शुरुआत


मोटाराम शर्मा पिछले 25 साल से मशरूम उगा रहे हैं। पहले साधारण मशरूम उगाने से शुरुआत की, इसके बाद प्रयोग करते रहे और इस क्षेत्र में महारत हासिल कर ली। जब मोटाराम शर्मा ने शुरुआत की उस वक्त वे केवल पांचवीं तक पढ़े लिखे थे।

मशरूम की खेती से नाम कमाया लेकिन मन में कम शिक्षित होने की कसक भी थी। उन्होंने खेती करते हुए ही सीनियर सेकेंडरी तक पढ़ाई की। इसके बाद नैचुरोपेथी का कोर्स भी किया। मशरूम के लिए आज कई एक्सपर्ट भी उनकी राय लेते हैंं। पहले बटन मशरूम उगाते थे। डायरेक्ट्रेट ऑफ मशरूम रिसर्च सोलन भी शर्मा को सम्मानित कर चुका है।


मशरूम प्रोडक्शन की ट्रैनिंग देते हैं शर्मा


मोटाराम अब मशरूम की खेती के रोल मॉडल बन चुके हैं। मशरूम हाउस में साधारण मशरूम की खेती करते हैं, जबकि फाॅर्म में बनी लैब में मेडिसिनल मशरूम का प्रोडक्शन होता है। शर्मा हर साल कई लोगों को मशरूम प्रोडक्शन की ट्रेनिंग भी देते हैं। मोटाराम शर्मा ने सीकर जिले के नानी गांव में मशरूम हाउस भी बना रखा है।


लैब में 14 से 18 डिग्री के बीच टैम्परेचर मैंटेन कर उगाते हैं मशरूम


कॉर्डिसेप मशरूम उगाना आसान नहीं है। इसके लिए एक छोटी लैब पर 10 लाख रुपए से ज्यादा का एक बार का इंस्टॉलेशन का खर्च आता है। टैम्परेचर मैंटेन करने के लिए हर वक्त एसी चलाना जरूरी होता है।

कॉर्डिसेप मशरूम के लिए दो महीने तक 14 से 18 डिग्री का टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी मैंटेन करना जरूरी होता है। थोड़ी सी भी चूक होने पर मशरूम खराब हो जाता है। इसके उत्पादन के लिए एक्सपर्ट की पूरी गाइडेंस और लगातार मॉनिटरिंग की जरूरत हेाती है।