ISLPI : किसान भाईयो! अपनी जमीन की असली कीमत यहां देखें 

Agri-Land Price Index : अगर आपको आपकी जमीन के असली भाव का नहीं पता तो आज हम आपको बताएंगे कि ये किस तरह से पता लगा सकते हैं। आईए बताते हैं कि अपनी जमीन की असली कीमत कैसे चेक करें।
 

HR Breaking News : नई दिल्ली : Agri-Land Price Index: भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है. यहां की करीब 70 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है। इसके बाद भी देश के किसानों के पास खेती योग्य जमीन की कीमत को जानने का कोई तरीका नहीं है।
कई बार किसानों की जमीन भूमि अधिग्रहण के कानूनी विवाद में फंस जाती है तो कभी वो जमीन की सही कीमत हासिल नहीं कर पाता है. लेकिन अब किसानों को इस समस्या से निजात मिल गया है. IIM अहमदाबाद ने भारत का पहला कृषि-भूमि मूल्य सूचकांक लॉन्च किया है।

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किसानों की जमीन की बताएगा सही कीमत


जानकारी के मुताबिक, देश में पहली बार भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) अहमदाबाद के मिश्रा सेंटर फॉर फाइनेंशियल मार्केट्स एंड इकोनॉमी ने भारतीय कृषि भूमि मूल्य सूचकांक (ISLPI) को बनाया है. ये सूचकांक किसानों को उनकी जमीन की असली कीमत बताएगा। गुरुवार को ये सूचकांक लॉन्च किया गया।

IIM और एसफार्मस इंडिया ने किया है तैयार


ये सूचकांक विश्वसनीय स्रोत के रूप में काम करेगा और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जमीन की कीमतों को बेंचमार्क करेगा. इस सूचकांक में डेटा आधारित मदद जमीन की कीमतों में काम करने वाली एक निजी फर्म एसफार्मस इंडिया के जरिए की जा रही है. ये कृषि भूमि के रियल एस्टेट में संभावित रूपांतरण का संकेत देते हैं।


किसानों को नहीं मिल पाती सही कीमत


प्रोजेक्ट लीड और IIM में रियल एस्टेट फाइनेंस के एसोसिएट प्रोफेसर प्रशांत दास ने ISLPI को लेकर कहा है कि अभी किसानों को खेती की जमीन के बदले जो रिटर्न हासिल होता है वो काफी कम है. किसानों को खेती से होने वाली उपज के मुकाबले 0.5 से 2 फीसदी का रिटर्न हासिल हो पा रहा है. ऐसे में ये सूचकांक किसानों की खेती योग्य जमीन की बिक्री के लिए काफी मददगार साबित होगा।

सूचकांक ऐसे करेगा काम


किसानों की जमीन की कीमत बताने के लिए सूचकांक में अभी चार मुख्य फैक्टर्स माने गए हैं. इस फैक्टर्स में नजदीकी कस्बे से दूरी, नजदीकी एयरपोर्ट से दूरी, इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संभावना को प्रमुखता से शामिल किया गया है. अगर जमीन के पास सिंचाई की सुविधा है तो इसकी कीमत में 15 फीसदी की बढ़त होगी, वहीं जमीन के पास इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संभावना होने पर 20 फीसदी तक सुधार होगा. इसी तरह कस्बे से दूर होने पर दूरी के हिसाब से प्रति किलोमीटर 0.5 फीसदी का असर पड़ेगा।