insurance policy: जल्द बदल जाएंगे बीमा एंजेट, इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर्स को मिलेगी ये नई सुविधा
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Agent Portability Option: अगर आप ने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) या किसी भी अन्य कंपनी की पॉलिसी ले रखी है तो यह खबर आपके काम की है. देश में जल्द ही इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) के एजेंट की पोर्टेबिलिटी (Agent Portability) की सुविधा जल्द ही मिलने वाली है.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार IRDAI यानी भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है कि अगर कोई पॉलिसी होल्डर अपने इंश्योरेंस एजेंट (Insurance Policy Agent) के काम से खुश नहीं हैं तो वह अपनी जरूरत के अनुसार एजेंट बदल सकता है. यह नियम सामान्य बीमा एजेंट पर लागू नहीं होता, लेकिन 20 साल जैसी लंबी अवधि की जीवन बीमा पॉलिसी पर आपको यह सुविधा मिल सकती है.
किसी तरह के विवाद पर बदल सकते हैं एजेंट
अगर कोई पॉलिसीहोल्डर पुराने एजेंट को हटाकर नया एजेंट रख लेता है तो बीमा पर मिलने वाला कमीशन नए एजेंट को मिलने लगता है. यह सुविधा उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हैं जो अपने एजेंट के व्यवहार से खुश नहीं हैं और उन्हें बदलना चाहते हैं.
भारत में पहले इंश्योरेंस एजेंट पोर्टेबिलिटी की सुविधा नहीं मिलती थी. देखा गया है कि कई बार एजेंट लोगों को अपने फायदे के चक्कर में ऐसी पॉलिसी बेच देते हैं जिसमें उनका (एजेंट) का ज्यादा फायदा हो. ऐसे में बाद में एजेंट और पॉलिसी होल्डर (Policyholder) के बीच विवाद हो जाता है. IRDAI के एजेंट पोर्टेबिलिटी नियम के लागू होने के बाद आप अपनी सुविधा के अनुसार पॉलिसी लेने के बाद भी एजेंट बदल पाएंगे.
पॉलिसी होल्डर्स के हक में फैसला
एजेंट पोर्टेबिलिटी (Agent Portability) का यह नियम भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ-साथ अन्य बीमा कंपनियों के एजेंट्स पर भी लागू होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि IRDA ने पिछले कुछ समय में कई ऐसे फैसले लिए हैं जिससे ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सकें. इससे पहले बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों को अपने कस्टमर के जरूरतों के अनुसार हॉस्पिटल के पैनल को शामिल करने की भी छूट दे दी थी.
इसके साथ ही इरादा ने कैशलेस सुविधा के नियमों में भी छूट देने का फैसला किया था. इससे अब ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा हॉस्पिटल कैशलेस इलाज की सुविधा मिल रही है. साथ ही IRDAI ने बीमा कंपनियों को ऐसी नीति बनाने को कहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकें.