Karamchari Retirement Age - कर्मचारियों की नहीं अपनी मजबूरी में सरकार बढ़ाएगी रिटायरमेंट की उम्र
इस समय बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है. दूसरी ओर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की काफी किल्लत है. इसलिए अब रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा चल रही है. आइए नीचे खबर में जानते है लेटस्ट अपडेट।
HR Breaking News, Digital Desk-मध्य प्रदेश में पिछले कई सालों से बंद पड़ी सरकारी भर्तियों (Madhya Pradesh Government Recruitment) के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं. एक तो पुराने सरकारी कर्मचारियों की किल्लत हो गई है. वहीं दूसरी ओर अगले सालों में बड़े पैमाने पर कर्मचारी सेवानिवृत्त (Retirement) भी होने वाले हैं. ऐसे में सरकार से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने सरकार से रिटायरमेंट की उम्र 62 से 65 करने की सिफारिश की है. हालांकि सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
इंदौर में कुछ दिन पहले लगाए गए रोजगार मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने प्रदेश से बेरोजगारी दूर करने के ढेरों वादे किए. साथ ही ये भी बताया कि सबको नौकरियां नहीं दे सकते, इसलिए रोजगार के लिए सरकार लोन दे रही है. उन्होंने कहा कि अप्रैल से अगस्त तक करीब दस लाख युवाओं को लोन दिया जा चुका है.
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति की चिट्ठी-
आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में साढ़े सात लाख कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन इस समय ये संख्या सिर्फ सवा चार लाख ही बची है. इनमें से भी अगले तीन साल में ढाई लाख कर्मचारी रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े होंगे. मगर इनको विदाई देने की जगह रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की कवायद तेजी होने लगी है. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष ने सरकार को चिट्ठी लिखकर रिटायरमेंट की उमर 62 से 65 करने की मांग कर दी है.
सरकार प्रस्ताव क्यों मान सकती है?
शिवराज सरकार की दूसरी मुश्किलें भी कम नहीं हैं. इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विदाई के मौके पर सरकार को तीन साल में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान पेंशन ग्रेच्युटी के तौर पर करना होगा, जो कर्ज में डूबी सरकार के लिए काफी मुश्किल है. यही कारण है कि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है. हालांकि सरकार के गृह मंत्री ने फिलहाल ऐसी किसी भी पहल से इनकार किया है.
'ये बेरोजगारों के साथ धोखा होगा'-
उधर प्रदेश में बेरोजगारों की दर लगातार बढ़ रही है. पिछले कई सालों से पुलिस और शिक्षा विभाग के अलावा किसी भी विभाग में बड़े पैमाने पर भर्तियां नहीं हुई हैं, जिसका असर कामकाज पर पड़ रहा है. प्रदेश के बेरोजगार सेना के प्रमुख अक्षय हुंका कहते हैं कि प्रदेश में बेरोजगार करीब एक करोड़ के करीब हैं उस पर उनको नौकरी देने की जगह रिटायरमेंट की उमर बढ़ाना किसी धोखे से कम नहीं है.