Karamchari Update - हुई बल्ले-बल्ले, कर्मचारियों को मिलेगा 6 साल का एरियर

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। आइए नीचे खबर में जानते है इससे जुड़ी पूरी जानकारी। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- राज्य के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए 21 नवंबर को पत्र भेजा गया था। जिसमें जल्द से जल्द अर्द्ध कुशल, कुशल अस्थाई कर्मचारियों को 2016 की स्थिति और वर्तमान अक्टूबर महीने की स्थिति में मिलने वाले वेतन-भत्ते की जानकारी की मांग की गई है।

विभाग ने लिखा पत्र-


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अब लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के न्यूनतम वेतनमान सहित अन्य भत्तों का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रमुख अभियंता कार्यालय अधीक्षण यंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्रीयों को पत्र लिखा गया है। अर्द्ध कुशल, कुशल और अकुशल कर्मचारियों को वर्ष 2016 की स्थिति और अक्टूबर महीने 2022 में मिलने वाले वेतन भत्ते की जानकारी की मांग जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

न्यूनतम वेतन 6 वर्ष के एरियर सहित होगा भुगतान-


जानकारी के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम नरेश रावत बनाम अश्वनी राय प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रकरण में 15 दिसंबर 2016 को आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि अस्थाई कर्मचारियों को दिसंबर 2016 से सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के बाद मध्यप्रदेश में 2 अगस्त को अस्थाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मान सातवें वेतनमान के तहत देने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी। अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के बाद लोक निर्माण विभाग के अस्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाएगा। शासन द्वारा इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा सातवें वेतनमान की न्यूनतम वेतन 6 वर्ष के एरियर सहित भुगतान किए जाएंगे।

9000 स्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ-


लोक निर्माण विभाग के 9000 स्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाना है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच द्वारा सीएम शिवराज को इस मामले में पत्र लिखा गया है। साथ ही मांग की गई है कि मध्य प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के न्यूनतम वेतन सहित भत्ते का लाभ दिया जाए। इसके लिए जल्द से जल्द शासन द्वारा आदेश जारी किया जाना चाहिए।

कर्मचारी मंच ने की मांग-


प्रदेश के 50 विभागों में स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के न्यूनतम वेतन देने की कार्रवाई पूरी नहीं की जा सकी है। जिससे 40000 कर्मचारी में असंतोष का वातावरण है। कर्मचारी मंच ने सीएम को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी विभागों के कर्मचारियों पर लागू होता है। इसलिए उन्हें सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन का लाभ 2016 से देने की आदेश जल्द से जल्द जारी किए जाने चाहिए।