Karmchari Pay Scale; कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट को तोहफा, बढ़ा हुआ पे स्केल लागू करने के आदेश जारी
 

National Judicial Pay Commission:  सुप्रीम कोर्ट की ओर से न्यायिक अधिकारियों के लिए बढ़ा हुआ पे-स्केल लागू करने का आदेश दिया है. जिसके लागू होते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सैलरी तकं तीन गुना इजाफा हो जाएगा। आइए जानते है लेटेस्ट अपडेट
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, देश के कोर्ट कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश से देश के 23 हजार से ज्यादा ज्यूडिशियल कर्मचारियों  की सैलरी (Judicial Employees Salary) में तीन गुना का इजाफा हो जाएगा. वास्तव में देश के जिला कोर्ट के साथ सब-ऑर्डिनेट ज्यूडिशियरी के कर्मचारियों की सैलरी में मोटा इजाफा होने वाला है. सालो बाद अब दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (2nd National Judicial Pay Commission) की सिफारिशें लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की सिफारिशों के आधार पर सबऑर्डिनेट ज्यूडिशियरी में काम कर रहे न्यायिक अधिकारियों के लिए बढ़ा हुआ पे-स्केल लागू करने का आदेश दिया है. जिसके लागू होते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सैलरी तकं तीन गुना इजाफा हो जाएगा. 

कितना मिलेगा एरियर 
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशों के अनुसार कमीशन की सिफारिशों के आधार पर संशोधित पे-स्केल 01 जनवरी 2016 से लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एरियर का 50 फीसदी का भुगतान 25-25 फीसदी के हिसाब से तीन-तीन महीने के गैप में करना होगा. बाकी 50 फीसदी का भुगतान अगले तक करने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यो से इस संबंध में तीन में एफिडेविट कोर्ट में देने को कहा है.  


क्यों हुआ था आयोग का गठन 
भारत की न्यायपालिका तीन कैटेगिरी में डिवाइड है. जिसके टॉप पर सुप्रीम कोर्ट, दूसरे नंबर पर हाईकोर्ट हैं, जबकि तीसरे पायदान पर जिला अदालत अदालते एवं अन्य अदालतें सबऑर्डिनेट जुडिशियरी की कैटेगरी में आती हैं. सबऑर्डिनेट ज्यूडिशयरी मे मौजूदा समय में करीब 23 हजार जज व न्यायिक अधिकारी हैं. जिन्हें राज्यों के हिसाब से अलग-अलग सैलरी मिलती है. इनकी सैलरी में एकरूपता लाने के लिए पे स्केल पे-स्केल की समीक्षा करने और काम करने की स्थितियों पर गौर करने के लिए साल 2017 में दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग का गठन हुआ. 


खत्म हुआ 12 साल का इंतजार 
वास्तव में सबऑर्डिनेट अदालतों में काम कर रहे जजों और न्यायिक अधिकारियों के वेतन में आखिरी बार 2010 मे इजाफा देखने को मिला था. करीब 12 साल से उनकी सैलरी में कोई इजाफा नहीं हुआ है. जबकि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कई बार बढ़ोतरी हो चुकी है. जिसकी वजह से वेतन इजाफे की डिमांड लंबे समय से चली आ रही थी. वहीं यह भी तर्क दिया जा रहा था कि जिस तरह का काम उनके पास है, उनकी तुलना राज्य कर्मचारियों के साथ करना ठीक नहीं है. इस वजह कमीशन के गठन को बल मिला. 


कुछ ऐसी हैं आयोग की सिफारिशें 
आयोग ने सबऑर्डिनेट ज्यूडिशियरी के न्यायिक अधिकारियों व जजों का वेतन 2.81 गुना करने की सिफारिश की है. जिसके बाद जूनियर सिविल जजों यानी फस्र्ट क्लास मजिस्ट्रेट की सैलरी 27,700 रुपये से बढ़कर 77,840 रुपये हो जाएगी. सेलेक्शन ग्रेड और सुपर टाइम स्केल जिला जजों के हिस्से को भी क्रमश: 10 फीसदी और 5 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की गई है. आयोग ने पेंशन को भी बढ़ाने की सिफारिश की है.