लोन लेने वालो को लगेगा झटका, RBI की समीक्षा बैठक शुरू

मुद्रास्फीति के अप्रैल में 8 साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने के बाद रिजर्व बैंक बुधवार को रेपो दर में 0.40% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी कर सकता है। RBI का मुद्रास्फीति के लिए संतोषजनक स्तर 6% का है।
 

HR Breaking News (चंडीगढ़) नीतिगत दरों के बारे में फैसला करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक(reserve Bank of India) (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक सोमवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक बढ़ती मुद्रास्फीति(inflation) पर अंकुश के लिए कुछ सख्त नीतिगत कदम उठा सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को एमपीसी की बैठक में नीतिगत दरों के बारे में लिए गए फैसले की जानकारी देंगे।

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ब्याज दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी


दास पहले ही संकेत दे चुके हैं कि एमपीसी की इस द्विमासिक समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की जा सकती है। आरबीआई ने गत चार मई को बिना किसी पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के अचानक रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सबको चौंका दिया था। इसके लिए दास ने बढ़ती मुद्रास्फीति की चुनौती को जिम्मेदार बताया था। तमाम विश्लेषको को मौजूदा समीक्षा बैठक में भी एक और वृद्धि किए जाने की उम्मीद है। ऐसी चर्चाएं हैं कि आरबीआई रेपो दर में 0.35 प्रतिशत से 0.40 प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकता है। फिलहाल रेपो दर 4.40 प्रतिशत पर है।


रेपो दर में 0.40 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी


बहरहाल कुछ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति के अप्रैल में आठ साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने के बाद रिजर्व बैंक बुधवार को रेपो दर में 0.40 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी कर सकता है। आरबीआई का मुद्रास्फीति के लिए संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत का है लेकिन अब यह आठ प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है। मुद्रास्फीति में इस बढ़ोतरी के लिए जिंसों एवं ईंधन के दामों में हुई वृद्धि को जिम्मेदार माना जा रहा है। खासकर फरवरी के अंत में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से मुद्रास्फीति में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। थोक-मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 13 माह से दहाई अंक में बनी हुई है और अप्रैल, 2022 में यह रिकॉर्ड 15.08 प्रतिशत पर पहुंच गई।

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ऐसे हालात में केंद्रीय बैंक के पास ब्याज दर बढ़ाने के मोर्चे पर विकल्प बहुत सीमित ही रह गए हैं। कोटक महिंद्रा बैंक की समूह अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम का कहना है कि बढ़ती मुद्रास्फीति के दौर में एमपीसी जून की बैठक में 0.35-5.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एवं जिंस उत्पादों की कीमतों को देखते हुए रेपो दर में कुल एक से 1.5 प्रतिशत तक की वृद्धि होने का अनुमान है। एंड्रोमीडा और अपनापैसा के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आरबीआई रेपो दर में क्रमिक वृद्धि करते हुए इसे 5.6 प्रतिशत तक ले जा सकता है।