Love Tips: लव रिलेशनशिप बनाने से पहले लड़के जान लें लड़कियों की ये 4 बातें
 

हर पुरुष की ये इच्छा होती है की उसकी शादी एक सुंदर लड़की से हो. लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में महिलाओं और पुरुषों के कुछ खास गुणों के बारे में जिक्र किया है। एक अच्छे जीवनसाथी के लिए उसकी खूबसूरती माइने नहीं रखती उसे अच्छे गुण माइने रखते हैं। 

 

HR Breaking News (ब्यूरो) : महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्‍य ने बालक चंद्रगुप्‍त मौर्य को समूचे भारतवर्ष का सम्राट बना डाला था। ऐसे में उनकी नीतियां न सिर्फ शासन के लिए बल्कि मनुष्य के जीवन में काफी मददगार साबित होती हैं. ऐसे में चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवनसाथी चुनने को लेकर कई बातें बताई हैं।

दरअसल शादी करना हर किसी के लिए बेहद खास होता है और हर कोई चाहता है कि उसके लाइफ में एक ऐसा इंसान आए जो उसे हर तरह का प्यार दे सके और उसका ख्याल रख सके। कहते हैं कि एक अच्छा जीवनसाथी जीवन में खुशियां ला सकता है। अगर आप भी जीवनसाथी चुनने की तैयारी में हैं तो आचार्य चाणक्य के मुताबिक आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।

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कई लोग ऐसे होते हैं कि शादी के बाद उनकी जिंदगी और खुशनुमा होती है मगर कई लोगों की शादी के बाद उनके बीच विवाद बढ़ने लगते हैं। कई बार इंसान के आकर्षण के पीछे हम बाकी सारी चीजें छोड़ देते हैं और उससे शादी कर लेते हैं। हम उस इंसान के अंदरूनी चीजों को समझ भी नहीं पाते। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में एक ऐसा ही श्लोक बताया है जिसके माध्यम से बताया गया है कि शादी या प्रेम से पहले अपने पार्टनर में कुछ बातों को जरूर परख  लें।

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्। 
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।


उपरोक्त श्लोक के मुताबिक चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि इंसान को विवाह से पहले पार्टनर चुनते समय उसके शरीर के बजाय गुणों को देखना चाहिए।

चाणक्य नीति के मुताबिक पुरुषों को सुंदर स्त्री के पीछे नहीं भागना चाहिए। आचार्य चाणक्य के मुताबिक पत्नी अगर गुणवान हो तो विपत्ती के समय भी परिवार संभाले रखती है।


आचार्य चाणक्य के मुताबिक, एक स्त्री में बाहरी सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता होनी चाहिए। साथ ही उसमें धैर्य होना चाहिए।

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चाणक्य नीति के अनुसार, धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाला इंसान मर्यादित होता है। इसलिए विवाह से पहले ये जान लेना चाहिए कि उन्हें धर्म-कर्म में कितनी आस्था है।


आचार्य चाणक्य के गुस्सा सबसे बड़ा दुश्मन होता है। चाणक्य का कहना है कि जिस स्त्री को बहुत गुस्सा आता हो वो परिवार को कभी सुखी नहीं रख सकती।