मथुरा पलवल रूट पर रेलवे लाइन परियोजना पूरी, अब हरियाणा और यूपी के लिए समय से मिलेगी ट्रेनें
 

रेलवे विभाग (indian railway) की ओर से हरियाणा (haryana) और उत्तर प्रदेश (UP) के लोगों को बड़ी सौगात दी गई है। जिसके बाद अब हरियाणा और यूपी के रेल यात्रियों (rail passengers) को समय पर ट्रेन (Train) मिलने लगेगी। रेलवे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मथुरा पलवल (Mathura Palwal) की चौथी लाइन परियोजना के पूरे होने के साथ ही अब उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) के आगरा जिले में परिचालन के लिए दो दो रेलवे लाइनें उपलब्ध हो गई है। आइए नीचे खबर में जानते है लेटेस्ट अपडेट
 
 

HR Breakking News, नई दिल्ली, Railway News: उत्तर मध्य रेलवे ने महत्वकांक्षी मथुरा-पलवल (Mathura-Palwal railway line) की चौथी लाइन परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. एक कार्य की पूरा होने के बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पलवल और मथुरा जिले में रेलगाड़ियों के समय पालन में और सुधार होगा यानी अब समय से इन रेल मार्गों पर ट्रेनें उपलब्ध हो सकेंगी.

 

इस परियोजना को रेलवे बोर्ड द्वारा 2015-16 में स्वीकृति दी गई थी जिसकी कुल लागत से 668.7 करोड रखी गई थी. इस परियोजना के पहले चरण में पलवल-रूंधी खंड को सीआरएस की मंजूरी मिलने के बाद 21 फरवरी 2019 को शुरू किया गया, जिसके बाद रूंधी-शोलाका, शोलाका-होडल और होडल-छटा खंडों को चालू किया गया और यातायात के लिए खोल दिया गया. और फिर छाता-भूतेश्वर खंड के चालू होने के साथ ही अब यह परियोजना पूरी हो गई है. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के पलवल और मथुरा जिले को हरियाणा के लिए रेल यातायात में और सुधार होगा.

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आगरा जिले में परिचालन के लिए दो-दो लाइनें उपलब्ध

मथुरा-पलवल की चौथी लाइन परियोजना के पूरे होने के साथ अब उत्तर मध्य रेलवे के आगरा जिले में परिचालन के लिए दो-दो लाइनें उपलब्ध हो गई हैं. इस परियोजना को लेकर उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शरद मेहता का कहना है कि यह योजना रेलवे की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, और इसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया गया है. उन्होंने कहा कि सीआरएस निरीक्षण एक विस्तृत निरीक्षण है जिसमें सीआरएस सूक्ष्म तरीके से हर पक्ष का आकलन कर यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन किया गया है या नहीं.

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रेलवे अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना की पूरी होने के बाद छाता-भूतेश्वर के बीच 28.4 किलोमीटर की चौथी लाइन खंड का निरीक्षण किया गया, जिसके लिए 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से परीक्षण हुआ और इस परीक्षण के दौरान किसी भी तरीके की कोई खामी देखने को नहीं मिली.