Mobile Towers: मोबाइल टावर लगाने वालों की हो गई मौज, अब नहीं होगी कोई परमिशन की जरूरत, जानें नए नियम

Mobile Towers News:सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों के पर्सनल प्रॉपर्टी पर तार बिछाने या मोबाइल टावर संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जानें पूरी जानकारी....
 

HR Breaking News,New Delhi: यदि आप कहीं किसी प्रॉपर्टी पर मोबाइल टावर लगवाने जा रहे हैं तो ये आपके लिए बेहद जरूरी खबर है। सरकार ने हाल में ही नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। टेलीकॉम कंपनियों को निजी संपत्तियों पर तार बिछाने या मोबाइल टावर (mobile towers) या खंभे लगाने के लिए किसी अथॉरिटी (प्राधिकरण) से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने इस मामले में हाल ही में ‘मार्ग के अधिकार’ नियम को नोटिफाई किया है। 

 

 

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जानकारी अनुसार, सरकार ने विशेष रूप से 5जी सेवाओं के अमल को आसान बनाने के लिए छोटे मोबाइल रेडियो एंटीना लगाने या ऊपर से टेलीकॉम से जुड़े तार ले जाने को लेकर बिजली के खंभे, फुट ओवरब्रिज आदि का इस्तेमाल करने के लिए शुल्क के साथ नियमों को भी नोटिफाई किया है। इस महीने 17 तारीख को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि लाइसेंस लेने वाली कंपनी अगर किसी निजी संपत्ति के ऊपर टेलीग्राफ बुनियादी ढांचे की स्थापना का प्रस्ताव करती है, उसे उपयुक्त प्राधिकरण से किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी।

उपयुक्त प्राधिकरण को लिखित में जानकारी देनी होगी

खबर के मुताबिक, हालांकि, भारतीय टेलीग्राफ मार्ग अधिकार (संशोधन) नियम, 2022 के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियों को निजी भवन या संपत्ति पर मोबाइल टावर (mobile towers) या खंभे सेट अप करने से पहले उपयुक्त प्राधिकरण को लिखित में जानकारी देने की जरूरत (mobile towers new rule) होगी। दूरसंचार कंपनियों को संबंधित इमारत या संपत्ति का विवरण देने के साथ प्राधिकरण से ऑथोराइज्ड इंजीनियर के सर्टिफिकेट की एक कॉपी देने की जरूरत होगी। उसमें इस बात का सत्यापन होगा कि भवन या संपत्ति मोबाइल टावर या खंभा लगाने के मकसद से संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है।

स्ट्रीट फर्नीचर के लिए चुकानी होगी रकम

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि छोटे सेल लगाने के लिए खंभों, ट्रैफिक इंडिकेटर जैसे ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का इस्तेमाल करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को शहरी क्षेत्रों में 300 रुपये सालाना और ग्रामीण क्षेत्रों में 150 रुपये प्रति ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का भुगतान करना होगा। इसमें कहा गया है कि ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का इस्तेमाल कर केबल लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को सालाना 100 रुपये प्रति ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का भुगतान करना होगा।

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फर्जी ऑफर के चक्कर में न पड़ें

दूरसंचार विभाग ने हाल ही में अपनी एडवाइजरी में कहा है कि ऐसी कई शिकायतें कंपनी, एजेंसी और व्यक्तिगत के नाम से मिली हैं जो आम लोगों के साथ मोबाइल टावर (mobile towers) इन्स्टॉल करने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। आम लोगों को भारी-भरकम किराया आने की बात कहकर उनसे पैसे की उगाही कर रहे हैं। विभाग ने आम लोगों को सतर्क करते हुए ऐसे फर्जी ऑफर से सावधान रहने को कहा है।