हरियाणा में अब नही बिक सकेगा प्लास्टिक का सामान, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

हरियाणा में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने जा रहा है। एक जुलाई से सीपीसीबी ने प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक प्लास्टिक के झंडे कैंडी स्टिक आइसक्रीम स्टिक सजावट में काम आने वाले थर्माकोल आदि पर रोक लगा दी है।
 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक के झंडों से लेकर ईयरबड आदि सामान के प्रयोग करने पर रोक लगा दी है। सीपीसीबी ने प्लास्टिक के सिंगल यूज सामान पर एक जुलाई 2022 से पाबंदी लगाई है।

इस बार सीपीसीबी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग ही नहीं बल्कि इसके उत्पादन, भंडारण, वितरण पर भी रोक लगाई है। साथ ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त आदेश दिए हैं कि वे पुराने निर्माताओं के लाइसेंस रद कर दें और नए निर्माताओं को कोई भी एनओसी जारी नहीं की जाए। साथ ही भंडारण करने वाले व्यवसायियों को निर्देश दिए हैं वे 30 जून से पहले अपना स्टाक खत्म कर लें। 

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इन वस्तुओं पर लगाई रोक

एक जुलाई से सीपीसीबी ने प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल आदि पर रोक लगा दी है।

इसके अलावा प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे जैसी कटलेरी आइटम, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर आदि पर भी रोक लगा दी है। चीनी घोलने वाले स्टरर पर भी रोक लगाई गई है। 

प्लास्टिक के बैन सामान की बिक्री करने व स्टाक करने यह है जुर्माने का प्रावधान

पालीथिन                जुर्माना

100 ग्राम तक             500

101 से 500 ग्राम तक     1500

501 ग्राम से 1 किलो तक   3000

1 किलो से 5 किलो तक    10000

5 किलो से 10 किलो तक     20000

10 किलो अधिक            25000

पर्यावरण के लिए घातक है यह प्लास्टिक, इसलिए लगाई रोक:
 सिंगल यूज प्लास्टिक न आसानी से नष्ट होता है, न रिसाइकिल होता है इस प्लास्टिक के नैनो कण घुलकर पानी और भूमि को प्रदूषित करते हैं 

- जलीय जीवों को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, नाले चोक होने का भी कारण हैं 

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एक जुलाई से पहले स्टाक किया जाए खत्म

सीपीसीबी ने सभी उत्पादकों, स्टाकिस्ट, दुकानदारों, ई कामर्स कंपनियों, स्ट्रीट वेंडर, काल, मार्केट, शोपिंग सेंटर, सिनेमा हाल, टूरिस्ट लोकेशन, स्कूल, कालेज, आफिस कांप्लेक्स, अस्पताल व अन्य संस्थानों व आम लोगों को इन आइटमों के उत्पादन, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही है। इनसे कहा गया कि वे 30 जून तक अपना स्टाक खत्म करना सुनिश्चित करें ताकि एक जुलाई से पूरी तरह से पाबंदी को लागू किया जा सके। 

सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह एक जुलाई से रोक लगाई गई है। उसके बाद इस तरह के उत्पाद न तो प्रयोग किए जा सकेंगे और ना ही बनाए जा सकेंगे। पर्यावरण के लिए खतरनाक मानते हुए सीपीसीबी ने एक जुलाई से इन पर पाबंदी लगा दी है। अब उनकी ओर से इस तरह के उत्पाद बनाने वाली पुरानी कंपनियों के लाइसेंस रद कर दिए जाएंगे और नई फैक्ट्रियों को एनओसी नहीं दी जाएगी।