Petrol Pump stop supply अब सिर्फ 8 खुलेंगे पेट्रोल पंप, जानिए सरकार ने क्यों लिया फैसला
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Petrol Price Latest Update: रूस-यूक्रेन जंग का असर अब भारत पर भी साफ दिखने लगा है. आम जनता पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत से परेशान है, लेकिन तेल कंपनियां किसी तरह के घाटे में जाना नहीं चाहती है. अभी हाल में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी, इसके बाद कई राज्य सरकारें भी वैट में कमी कर दी थी. लेकिन अब देश में एक नया संकट शुरू हो रहा है.
तेल का सेल किया जा रहा है कम
लेकिन, इस बीच अब राजस्थान में दो तेल कंपनियाें HPCL (हिंदुस्तान पेट्रोलियम काॅरपाेरेशन लिमिटेड) और BPCL (भारत पेट्रोलियम काॅरपाेरेशन लिमिटेड) ने घाटा कम करने के लिए तेल की राशनिंग शुरू कर दी है. इससे आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. दरअसल, इन दोनों कंपनियों के सेल्स ऑफिसर पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दे रहे हैं कि बस 8 घंटे ही पेट्रोल की बिक्री करें. रात 9 बजे के बाद पेट्रोल-डीजल की बिक्री नहीं की जाए, यानी तेल की सेल घटाई जाए.
तेल का सेल कम करने का कारण सप्लाई कम मिलना बताया जा रहा है, जबकि IOC (इंडियन ओयल कॉरपोरेशन लिमिटेड) अपने स्तर पर पूरे तेल की सप्लाई कर रही है. यानी तेल कंपनियां अपने मुनाफे के लिए ऐसा कर रही है.
पंप पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री ठप
तेल कंपनियों के इस कदम से राजस्थान के 6700 पंप में से 4500 पंप सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं, 11 जून को दूसरा शनिवार व 12 जून को रविवार होने के कारण तेल डिपो बंद रहे. इसके अलावा, रिलायंस व एस्सार के पंप पर तेल की बिक्री ही नहीं हो रही. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, BPCL के डिपो इंचार्ज का कहना है कि वैश्विक संकट होने से कारण ये हाल है.
राजस्थान में तेल की बिक्री
डीजल : रोज 1.10 करोड़ लीटर
सालाना 400 करोड़ लीटर
पेट्रोल : रोज 23 लाख लीटर
सालाना 85 करोड़ लीटर
एचपीसीएल काे लिखा पत्र
आम जनता पहले ही पेट्रोल-डीजल की बढती महंगाई से परेशान थी, इसके बाद तेल की किल्लत ने उन्हें और परेशान कर दिया है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा, 'HPCL और BPCL अपने डीलर्स को तेल की सप्लाई नहीं दे रहे हैं. HPCL के सीएमडी डॉ. पुष्प कुमार जोशी, BPCL के कार्यकारी निदेशक पीएस रवि को स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन फिर भी हालात नहीं सुधरे हैं.