पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो सकती है गिरावट, जानिए कब आएगा फैसला
 

Petrol Price Today वाहन चालकों को केंद्र सरकार (Central government) की ओर से एक बार फिर राहत भरा समाचार मिल सकता है। पिछले दिनों हुई पेट्रोल डीजल के दामों में गिरावट (Petrol diesel prices fall) के बाद एक बार फिर दाम कम होने की गुंजाइश लगाई जा रही है। सूत्रों का माने तो पेट्रोल डीजल में एक बार फिर 5 रुपए की गिरावट हो सकती है। आइए नीचे खबर में जानते है कब आएगा फैसला
 
 

HR Breaking News, नई दिल्ली, Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी से आम लोगों को एक बार फिर राहत मिल सकती है. अभी हाल में ही सरकार ने पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में कमी की है. केंद्र सरकार के बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती की है. ऐसे में, पेट्रोल-डीजल की कीमत में कुल 10 से 15 रुपये तक की कमी आई है. आपको बता दें कि एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी आ सकती है.

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5 रुपये तक हो सकते हैं पेट्रोल के दाम 
दरअसल, राज्य सरकारें अगर चाहें तो आगे भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है. एसबीआई ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है जिसमें यह बताया है कि जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े थे तब हर राज्य को वैट (VAT) के रूप में 49,229 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा राजस्व मिला था ऐसे में, राज्य सरकारें वैट में कटौती कर सकती है.एसबीआई ने जारी की रिपोर्ट

 


एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, वैट अभी भी दिए गए रेवेन्यू से 34,208 करोड़ रुपये ज्यादा है. यानी राज्य सरकारें चाहें तो तेल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं. इससे आम जनता को कुछ हद तक राहत मिलेगी. एसबीआई के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने इस रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 के बाद राज्यों की वित्तीय स्थिति में बहुत हद तक सुधार हुआ है. राज्यों की कम उधारी से भी यह जाहिर होता है किउनके पास वैट में कटौती की गुंजाइश है. सौम्य कांति घोष ने कहा कि राज्य सरकारें तेल पर वैट में कमी किए बिना भी डीजल की कीमत 2 रुपये और पेट्रोल 3 रुपये प्रति लीटर सस्ता कर सकते हैं.

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कौन से राज्य ज्यादा फायदे में?
अब बात करते हैं कि कौन से राज्य इससे ज्यादा फायदे में हैं. महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना सबसे ज्यादा फायदे में हैं. घोष ने बताया कि महाराष्ट्र पर जीडीपी अनुपात की तुलना में कर्ज कम है वे पेट्रोल और डीजल के दाम में 5 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर सकते हैं, जबकि हरियाणा, केरल, राजस्थान, तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों का टैक्स-जीडीपी अनुपात 7 फीसदी से ज्यादा है. यानी ये राज्य चाहें तो आसानी से वैट में कटौती कर सकते हैं. इन राज्यों के पास ईंधन पर टैक्स को समायोजित करने की पर्याप्त वजह हैं.