Punjab Election 2022: Ram Rahim की जल्द हो सकती है जेल वापिसी, जानिए पूरा मामला

Punjab Election 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet ram rahim) को मिली फरलो का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। मामले में याचिकाकर्ता ने राम रहीम की फरलो रद करने की मांग की है।
 

हत्या व यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास और 20 साल की सजा काट रहे विवादास्पद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet ram rahim)  को 21 दिन की फरलो का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में पंजाब में समाना निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार 56 वर्षीय परमजीत सिंह सोहाली द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

 

याचिका में दलील दी गई है कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet ram rahim)  की फरलो पर ऐसे समय में रिहाई की गई है जब 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। याचिका में दलील दी गई है कि इससे पंजाब में शांति भंग होने का भय है। याचिका के अनुसार डेरा पंजाब के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है, डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनावों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।


याचिकाकर्ता, जो पंजाब के पटियाला जिले के गांव भादसों का रहने वाला है, ने हरियाणा सरकार के उस आदेश को रद करने की मांग की है जिसके तहत डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet ram rahim)  को फरलो दी गई है क्योंकि यह फरलो केवल विशेष रूप से पंजाब में राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दी गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक आठ फरवरी को उसने फरलो रद करने के लिए हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।


याचिकाकर्ता के मुताबिक, डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet ram rahim)  विधानसभा चुनाव में अपनी अवैधता को धरातल पर अंजाम दे सकता है, क्योंकि उसके कई सहयोगी गलत काम करने वाले और फरार हैं।डेरा प्रमुख ने घोर नापाक और कुख्यात कृत्यों की श्रृंखला को अंजाम दिया है। ऐसे में पंजाब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर फरवरी के महीने में फरलो पर रिहा किया गया है। इस स्तर पर उसकी रिहाई पंजाब के लिए निर्धारित निष्पक्ष विधानसभा चुनाव की भावना के खिलाफ है। उसकी सजा के बाद अगस्त 2017 में पंचकूला में हुई तबाही अभी भी स्मृति में ताजा है।


याचिका में यह भी दलील दी गई कि दुष्कर्म व हत्या के दो मामलों में दोषी होने के नाते, उसे हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिज़नर्स (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2012 में निहित प्रावधानों के अनुसार फरलो पाने का कोई वैध अधिकार नहीं है। यह फरलो इसलिए दी गई चूंकि पंजाब में चुनाव हैं और डेरा प्रमुख का पंजाब के कई जिलों में खासा दखल है। इस याचिका पर हाई कोर्ट आज सुनवाई करेगा। ज्ञात रहे कि डेरा प्रमुख को 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो दी गई थी, जिस पर काफी विवाद उठा था।