Railway Rule रेलवे ने ट्रेन में रात को सफर करने को लेकर बदले नियम, अब नहीं मिलेगी ये सुविधा
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Indian Railway Latest Rule: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने पैसेंजर्स की सहूलियत के लिए नया नियम बनाया है. दरअसल, भारतीय रेलवे समय-समय पर नियमों में संशोधन करता रहता है. अब रेलवे ने रात में यात्रियों (Night Journey) को नींद में होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए कुछ नए नियम बनाए हैं. इस नियम से अब यात्रियों को रात में नींद के बीच खलल की कोई समस्या नहीं होगी.
लागू हुए नए नियम
हमारी सहयोगी वेबसाइट india.com में प्रकाशित खबर के अनुसार रेलवे ने रात्रि सफ़र के लिए नया नियम लागू कर दिया गया है. इसके अनुसार, अब सफ़र के दौरान आपके आसपास कोई भी सहयात्री (Train Passenger) मोबाइल पर तेज आवाज में बात नहीं कर सकेगा और न ही तेज आवाज में गानें सुन सकेगा. दरअसल रेलवे को यात्रियों की तरफ से ऐसी शिकायत लगातार मिल रही थी, जिसके बाद रेलवे ने यह फैसला लिया है. अगर कोई यात्री ऐसा करते पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
ट्रेन स्टाफ को मिली जिम्मेदारी
रेलवे ने इस नियम को सही लागू होने की जिम्मेदारी ट्रेन स्टाफ को दी है. नए नियमों के तहत यदि ट्रेन में यात्री से मिलने वाली शिकायत का समाधान नहीं हुआ तो ट्रेन स्टाफ की जवाबदेही होगी, यानी रेलवे स्टाफ से पूछताछ करेगा. रेलवे मिनिस्ट्री (Ministry of Railways) की तरफ से सभी जोन को आदेश जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
रेलवे को मिलती थीं ये शिकायतें
रेलवे मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, रेलवे को अक्सर यात्री साथ वाली सीट पर मौजूद पैसेंजर के मोबाइल पर तेज आवाज में बातें करने या म्यूजिक सुनने की शिकायत मिलती थी, जिसके बाद यह नियम बनाया गया. ऐसे भी मामले सामने आए जब रेलवे का स्कॉर्ट या मेंटीनेंस स्टॉफ भी गश्त के दौरान जोर-जोर से बातें करता है. यात्रियों के बीच रात में लाइट जलाने को लेकर भी अक्सर विवाद होता था. इससे यात्रियों की नींद खराब होती है.
जान लीजिये रात 10 बजे की गाइडलाइन
- कोई भी यात्री सफर में मोबाइल पर तेज आवाज में बात नहीं करेगा या तेज म्यूजिक नहीं सुनेगा.
- नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइट बंद करना अनिवार्य होगा.
- यात्री ट्रेन में देर रात तक आपस में बातें नहीं कर पाएंगे.
- रात में चेकिंग स्टॉफ, आरपीएफ, इलेक्ट्रीशियन, कैटरिंग स्टॉफ और मेंटीनेंस स्टाफ फ शांतिपूर्ण ढंग से काम करेंगे.
- 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगजन और अकेली महिलाओं को रेल स्टाफ जरूरत पड़ने पर तत्काल मदद मिलना चाहिए.