Relationship Tips: अपने से बड़ी उम्र की महिला से हो गया है प्यार, इस तरह करें हैंडल
 

जब किसी से प्यार होता है तो ये फर्क नहीं पड़ता है कि आपके पार्टनर की उम्र कितनी है। प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है। बड़ी उम्र का पार्टनर ज्यादा समझदार होता है इससे आपका रिश्ता मजबूत बना रहता है। रिलेशनशिप में कभी लड़ाई-झगड़ा भी नहीं होता है। 

 

HR Breaking News (ब्यूरो) : प्यार उम्र की सीमा नहीं देखता है। आजकल कपल्स के बीच उम्र का अंतर ज्यादा होने लगा है। बॉलीवुड में मलाइका अरोड़ा- अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा-निक जोनस, प्रीटी जिंटा, मिलिंद सोमन और अंकिता, उर्मिला आदि कई सेलेब्स हैं, जिनके पार्टनर से उनकी उम्र ज्यादा है। कोई अपने पार्टनर से 10 साल बड़ा है तो कोई शादीशुदा और बच्चों वाला। इसके बावजूद उनको प्यार हुआ और वह रिलेशनशिप में आ गए। अपने से कम या ज्यादा उम्र के पार्टनर को डेट करना आम बात हो गई है। 

वैसे तो प्यार में उम्र के अंतर से कोई फर्क नहीं पड़ता। उम्र में छोटा पार्टनर साथी को प्यार में यंगस्टर जैसा महसूस कराता है। वहीं कम उम्र के साथी के लिए उसका अधिक उम्र का पार्टनर प्यार में उत्साह का अनुभव दे सकता है लेकिन लंबे समय तक रिलेशनशिप में बने रहने के लिए उम्र का अंतर बाधा न बने और रिश्ता अधिक मजबूत हो, ऐसे में कई बातें जाननी जरूरी है। एज गैप कपल के बीच समझ, पसंद को लेकर भेद कर सकती है। इसलिए अगर आप किसी बड़े या छोटे उम्र के पार्टनर को डेट कर रहे हैं तो इन तरीकों से अपने रिश्ते को मजबूत बनाएं।

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सामाजिक समस्याओं को समझें

कपल्स के बीच उम्र ज्यादा या कम होने से प्यार पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन कई सामाजिक समस्याएं उनके बीच आ सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि पार्टनर एक दूसरे को समझें। उनके विचारों, भावनाओं के बारे में जानें ताकि जब किसी मुद्दे पर दोनों अपने विचार रखें तो दोनों के बीच का रिश्ता खराब न हो।  

समझदारी की अपेक्षा न रखें

अक्सर जिन कपल्स के बीच उम्र का अंतर होता है, उसमें बड़ी उम्र वाले पार्टनर से अपेक्षा की जाती है कि वह समझदार हो। माना जाता है कि लड़का हो या लड़की उम्र में बड़े पार्टनर को समझदार की तरह बिहेव करना चाहिए हालांकि वह एक लवर की तरह बर्ताव करना चाहते हैं न कि अपने पार्टनर के गार्जियन की तरह। इसलिए उनसे ये उम्मीद न करें कि वह अपने पार्टनर का ख्याल रखें, समझदार की तरह बर्ताव करें।


अनुभव न थोपें

उम्र से बड़ा साथी अपने अनुभव पार्टनर से साझा कर सकते हैं। ऐसे में साथी को चाहिए कि उनके बताए अनुभवों को काम की बात मान कर सुने। मन में यह सोच न लाएं कि पार्टनर बड़ा है तो ज्ञान दे रहा है। वहीं पार्टनर को भी चाहिए कि वह अपने अनुभवों को साझा करते समय साथी को नीचा न दिखाए। ये साबित करने का प्रयास न करें कि उन्हें साथी से ज्यादा पता है।


मैच्योरिटी पर न करें सवाल 

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उम्र का मैच्योरिटी या समझदारी से कोई नाता नहीं होता। कम उम्र का पार्टनर अगर कोई बात कहता है तो साथी को उसे अहमियत देनी चाहिए, न कि उसे यह जताने की कोशिश करें कि वह मैच्य़ोर नहीं है, उसे कुछ पता नहीं है। अपनी उम्र और अनुभव के सामने कम उम्र के पार्टनर के विचारों को अनदेखा न करें। उन्हें बार बार यह न करें कि वह चाइल्डिश हैं।