Relationship Tips  जब पत्नी करें अत्याचार तो पति किससे लगाएं गुहार
 

पति पत्नी में झगड़ा होना आम बात है लेकिन कई बार जानकारी न होने के अभाव में पति पत्नी के अत्याचारों को सहन करता रहता है आज हम आपको पति के उन अधिकारों के बारे में बताने जा रहे है जोकि पत्नी के अत्याचार करने पर पति के काम आ सकते है।
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें पत्नी अपने पति की पिटाई करते हुए दिखाई दे रही है। सबसे पहले जानते हैं…

क्या है पूरा मामला?
राजस्थान के एक स्कूल प्रिंसिपल अजीत सिंह ने 7-8 साल पहले लव मैरिज की थी।
शादी के बाद कुछ समय तक अजीत सिंह और पत्नी सुमन के बीच सब ठीक रहा।
धीरे-धीरे पत्नी सुमन का स्वभाव बदलने लगा और वो पति को मारने-पीटने लगी।
अब स्थिति यह है कि सुमन कभी बल्ले से तो कभी तवे से अपने पति को मारती है।
अजीत ने लंबे समय से प्रताड़ित होने के बाद घर में CCTV कैमरा लगवा दिया।
अब प्रिंसिपल साहब की पिटाई करती हुई पत्नी का वीडियो वायरल हो गया है।
पति ने इन्हीं फुटेज के आधार पर कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई और पत्नी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।
पुलिस ने अब पति की सुरक्षा के लिए ऑर्डर जारी कर दिए हैं।

इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है कि अगर पति अपनी पत्नी से पिटता है तो हमारे देश में इसके लिए क्या कानून है? क्या ये घरेलू हिंसा नहीं है? आज जरूरत की खबर में एडवोकेट सचिन नायक से जानते हैं, पतियों के अधिकार आखिरकार क्या हैं?

सवाल: पत्नी अपने पति की पिटाई करती है तो क्या ये अपराध है?

जवाब: बिल्कुल ये अपराध है। चाहे पत्नी अपने पति की पिटाई करे या पति अपनी पत्नी की पिटाई करे। दोनों ही सूरत में ये अपराध है।

एडवोकेट सचिन कहते हैं कि ज्यादातर पति अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करते हैं। ऐसे बहुत से केस में, जिसमें पतियों पर पत्नियां अत्याचार करती हैं।

सवाल: पत्नी अपने पति के साथ मारपीट करे तो ये घरेलू हिंसा कानून के अंदर आएगा?

जवाब: नहीं। घरेलू हिंसा का प्रोटेक्शन सिर्फ पत्नियों के लिए है। पतियों के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है। इसलिए ऐसे मामले घरेलू हिंसा के अंदर नहीं आएंगे।


सवाल: अगर पति चाहे तो तलाक ले सकता है या नहीं?

जवाब : बिल्कुल, प्रताड़ित पति हिंदू विवाह और भरण-पोषण अधिनियम की धारा 13 के तहत तलाक के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है और कानूनन उसे तलाक मिल भी सकता है।

सवाल : मजिस्ट्रेट की भूमिका इस तरह के मामले में क्या होगी?

जवाब:

पति ने जो सबूत पेश किए हैं, मजिस्ट्रेट उसकी अच्छे से जांच करेंगे।
पति के स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया जाएगा। अगर पति का कोई दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी सबूत के तौर पर स्टेटमेंट देगा तो उसे भी रिकॉर्ड किया जाएगा।


स्टेटमेंट पर पति और वहां मौजूद दूसरे गवाहों को सिग्नेचर करने होंगे।


सवाल: पति किन परिस्थितियों में पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं?

जवाब:

पत्नी अगर अपने पति को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती है। या फिर किसी झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती है तो पति भी उसके खिलाफ प्राथमिकी यानी FIR 154 के तहत दर्ज करा सकता है।


अगर पत्नी 498A के तहत दहेज प्रताड़ना के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही है या फिर आत्महत्या करने की बात कह रही है, तब भी पति उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।


अगर पत्नी के साथ रिलेशन ठीक नहीं चल रहा है तो ऐसे में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 9 के तहत मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा पत्नी के खिलाफ फैमिली कोर्ट में भी लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी की काउंसलिंग की जाती है।
IPC की इन धाराओं को भी एक बार देख लें। कौन-सी परिस्थिति में किस धारा के तहत पति केस दर्ज करवा सकता है?

चोट लगने पर धारा 319
गंभीर चोट और मारपीट होने पर धारा 320
झूठे सबूत देकर फंसाने पर धारा 193
खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने पर धारा 323