Republic Day 2023 : ये करंगे 2023 के गणतंत्र दिवस की परेड को लीड, जानिए इनके बारे ने पूरी डिटेल 

आज देश अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस मौके पर होने वाली परेड को ये लोग लीड करेंगे , आइये जानते हैं इनके बारे में सब कुछ 

 

HR Breaking News, New Delhi : देश आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 26 जनवरी के दिन ही देश को संविधान मिला था. इसी उपलक्ष्य में भारत की राजधानी दिल्ली में भारत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन दुनिया के सामने करने जा रहा है. हम आपको इस बार परेड का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के बारे में बताएंगे. 

देश के 74वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ से निकाली जाने वाली परेड का नेतृत्व इस बार दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ करेंगे. वह अति विशिष्ट सेवा मेडल से डेकोरेटेड जनरल कमांडिग ऑफिसर हैं. उन्होंने 1986 में सेना में कमीशन दिया गया था. 

लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने सेना में बेस्ट काम किया है. वे यंग ऑफिसर्स कोर्स जूनियर कमांड कोर्स और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज कोर्स, वेलिंगटन में बेस्ट स्टूडेंट रहे हैं. उन्होंने पेरिस में प्रतिष्ठित कमान और जनरल स्टाफ कोर्स में भाग लिया है.  

भवनीश कुमार परेड के डिप्टी कमांडर
वहीं, इस बार की परेड के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल भवनीश कुमार हैं. उन्होंने नॉर्थ ईस्ट में काउंटर इनसरजेंसी ऑपरेशन किया था. उनको 16 सितंबर 1989 में पैराशूट रेजिमेंट की तीसरी बटालियन में कमीशन मिला था. 


अपने तीन दशक के करियर में भवनीश कुमार ने सियाचिन, वेस्ट फ्रंट स्ट्राइक कोर में कमान संभाली. भवनीश कुमार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में भी कई सफल ऑपरेशन का अंजाम किया है. 

अग्निवीर भी ले रहे हैं गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा
देश के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में 6 अग्निवीर भी नौसेना में मार्च करने वाले दल का हिस्सा होंगे, जो कर्तव्य पथ की परेड में हिस्सा लेंगे. समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगी. इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य हस्तियां परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगी. 

मिस्त्र की सेना भी परेड में है शामिल
कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए पहली बार मिस्र की सेना भी सैन्य दल का हिस्सा होगी. गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने के लिए अपनी टुकड़ी के साथ भारत आए कर्नल मोहम्मद अब्देलफत्ताह एल्खारासावी ने  भारत और मिस्र के बीच के महान संबंधों पर जोर दिया.