Vidur Niti मर्दों को बर्बादी के रास्ते लेकर जाती है उनकी ये 4 आदतें, आज ही कर लें सुधार
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Mahatma Vidur Niti: हर मानव में गुणों के साथ –साथ कुछ कमियां भी पाई जाती हैं. व्यक्ति अपने गुणों के कारण वह समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है. वहीं उसके अवगुण या कमियां उसे असफलता की ओर ले जाती है. अगर व्यक्ति अपने इन अवगुणों को पहचान कर उससे दूर हो जाये तो वह हर सफलता प्राप्त कर सकता है. महात्मा विदुर की नीति में व्यक्ति के उन बुरी आदतों को बताया गया है जो उन्हें बर्बादी के रास्ते पर ले जाती हैं. विदुर नीति के अनुसार व्यक्ति इन नीतियों की वजह से वह जीवन में कभी सुखी नहीं रह पाता है. विदुर नीति में इन आदतों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया गया है.
श्लोक
अतिमानो अतिवादश्च तथात्यागो नराधिप। क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोह श्च तानि षट्।।
एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्। एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।
घमंड/ अभिमानी: विदुर नीति में कहा गया है कि जो व्यक्ति हर समय अपनी तारीफ खुद करता है. वह व्यक्ति घमंडी /अभिमानी होता है. ये लोग खुद को दूसरों से श्रेष्ठ समझते हैं. ऐसे लोग कभी सुखी नहीं रहते हैं.
क्रोध: महात्मा विदुर के अनुसार, क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शुत्र है. क्रोध में व्यक्ति के सोचने और समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है. क्रोध में व्यक्ति कभी-कभी कुछ ऐसा कर बैठता है, जो उसी का नुकसान करता है. इस लिए विदुर जी कहते हैं कि व्यक्ति को कभी क्रोध नहीं करना चाहिए. उसे हर समय शांत भाव में रहना चाहिए.
ज्यादा बोलना: विदुर नीति के अनुसार, व्यक्ति को कम और सोच समझकर बोलना चाहिए. ज्यादा बोलने से कभी-कभी कुछ ऐसी बातें निकल जाती हैं, जो सामने वाले को बुरी लग सकती है. विदुर नीति के अनुसार ज्यादा बोलने की आदत व्यक्ति को बर्बादी के रास्ते पर लेकर जाती है.
त्याग की कमी: विदुर नीति के अनुसार, जिन व्यक्तियों में त्याग और समर्पण की भावना नहीं होती है. उसका समाज में सम्मान नहीं होता है.
दोस्ती में धोखा देना: विदुर के अनुसार, जो लोग सच्चे मित्रों को धोखा देते हैं. वे ज्यादा दिनों तक खुश नहीं रह सकते हैं.