Wife Divorce - कोर्ट ने सुनाया फैसला, पत्नी के तलाक के बाद बच्चों को संपत्ति में मिलेगा इतना अधिकार
पत्नी के तलाक के बाद बच्चों को संपत्ति में मिलने के अधिकार को लेकर कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। जिसके तहत ये कहा गया है कि एक शख्स अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है, लेकिन साथ ही कहा कि बच्चों के साथ तलाक नहीं हो सकता।
HR Breaking News, Digital Desk- सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय में एक शख्स को अपनी पत्नी को तलाक देने की छूट दी, लेकिन साथ ही कहा कि बच्चों के साथ तलाक नहीं हो सकता। शीर्ष अदालत ने रत्न व आभूषण व्यापार से जुड़े मुंबई के इस शख्स को 4 करोड़ रुपये की समझौता राशि जमा कराने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है।
शीर्ष अदालत ने साथ ही संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपनी समग्र शक्तियों का उपयोग करते हुए 2019 से अलग रह रहे दंपती के आपसी सहमति से तलाक पर भी मुहर लगा दी।
इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ से सुनवाई के दौरान पति के वकील ने कोरोना महामारी से व्यापार में नुकसान का हवाला देकर समझौता राशि देने के लिए कुछ और समय मांगा।
लेकिन पीठ ने कहा, आपने खुद समझौते में सहमति दी है कि तलाक की डिक्री वाले दिन आप 4 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे। अब यह वित्तीय बाधा का तर्क देना सही नहीं होगा। समझौता 2019 में हुआ था और उस समय महामारी नहीं थी।
पीठ ने कहा, आप अपनी पत्नी को तलाक दे सकते हैं। लेकिन अपने बच्चों से तलाक नहीं ले सकते, क्योंकि आपने उन्हें जन्म दिया है। आपको उनकी देखभाल करनी ही होगी। आपको अपनी पत्नी को समझौता राशि देनी ही होगी ताकि वह अपनी और नाबालिग बच्चों का पालन कर सके।
इसके साथ ही पीठ ने पति को आगामी एक सितंबर तक एक करोड़ रुपये का भुगतान करने और शेष बचे 3 करोड़ रुपये का भुगतान भी आगामी 30 सितंबर से पहले कर देने का आदेश दिया।
पीठ ने खत्म की दोनों तरफ की कानूनी प्रक्रियाएं-
दंपती की तरफ से एक-दूसरे के और सगे-संबंधियों के खिलाफ शुरू की गई सभी कानूनी प्रक्रियाएं भी खत्म कर दीं। पीठ ने कहा कि अलग हो रहे दंपती के बीचे समझौते की अन्य सभी शर्तें उनके बीच हुए अनुबंध के अनुसार ही पूरी की जाएंगी।
पीठ ने गौर किया कि अलग होने वाले दंपती के एक लड़का व एक लड़की हैं और उनकी कस्टडी की शर्तों पर दोनों अभिभावकों में पहले ही सहमति हो चुकी है।