Delhi वालों को जाम से मिलेगा छुटकारा, 412 करोड़ की लागत से इस जगह बनेगा नया फ्लाईओवर

Delhiमें सरकार की ओर से पहले बहुत सारे फ्लाइओवर बनाए जा चुके हैं, लेकिन वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। 412 करोड़ रुपये की लागत से अब दिल्ली में नया फ्लाइओवर बनाया जाएगा। इससे दिल्ली वालों को छुटकारा मिलेगा। दिल्ली एनसीआर के वाहन चालकों को भी इससे बहुत लाभ होगा।

 

HR Breaking News (Delhi News) दिल्ली वासियों को नया फ्लाईओवर मिलने जा रहा है। करोड़ों की लागत से एक फ्लाईओवर बनाया जाएगा। दिल्ली 412 करोड़ रुपये की लागत से नए फ्लाईओवर बनेंगे।

 

 

प्रोजेक्ट के लिए कार्य प्रगति पर है। फिलहाल मिट्टी की जांच शुरू हो गई है। इसका जल्द ही सर्वे होगा। फ्लाईओवर के बनने के बाद लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।


दिल्ली को मिलेगा सिग्नल मुक्त कॉरिडोर 


दिल्ली में नई परियोजना (New Flyover project) के तहत जो पुल बनाया जा रहा है वह सिग्न मुक्त कॉरिडोर के सपने को पूरा करेगा। पीडब्ल्यूडी के बड़े प्लान के तहत सराय काले खां से मालवीय नगर तक एक सिग्नल-मुक्त कॉरिडोर बनाया जाएगा।

वहीं, सावित्री फ्लाईओवर को दोनों दिशाओं में दो लेन किया जाएगा। 2001 में यह पुल बना था। यह पुल 1.5 किमी लंबा है। इसमें मोदी मिल फ्लाईओवर से एक नया एलिवेटेड हिस्सा जोड़ा जाएगा।

कहां से कहां तक बनेगा पुल


जो नया पुल बनेगा वह दिल्ली के बाहरी रिंग रोड (Ring Road Delhi) पर मोदी मिल और सावित्री सिनेमा चौराहों पर जल्द बनाया जाएगा। लोक निर्माण विभाग इसके लिए मिट्टी की जांच कर रही है।

भू-तकनीकी सर्वे को शुरू कर दिया गया है। परियोजना 412 करोड़ रुपये की होगी। परियोजना के तहत दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में ट्रैफिक की समस्या को कम किया जाएगा।

यह है पूरी परियोजना


परियोजना के तहत सावित्री सिनेमा और कालकाजी फ्लाईओवर का दोहरीकरण कराया जाएगा। इसके साथ ही मोदी मिल फ्लाईओवर (New Flyover in Delhi) के साथ नया एलिवेटेड स्ट्रेच जोड़ा जाएगा। यहां पर बाहरी रिंग रोड पर एक सतत फ्लाईओवर कॉरिडोर बनाया जाएगा।

नया फ्लाईओवर बनने से चित्तरंजन पार्क, ग्रेटर कैलाश, चिराग दिल्ली, कालकाजी और नेहरू प्लेस आदि क्षेत्रों में फायदा होगा। अब तक चिराग दिल्ली फ्लाईओवर से ट्रैफिक तीन दिशाओं में बंटता है, इसके कारण जाम की स्थिति बनती है।


ऐसे की जाएगी मिट्‌टी की जांच


नया फ्लाईओवर (New Flyover Delhi) बनने से पहले यहां पर मिट‌्टी की जांच की जाएगी। पीडब्ल्यूडी की ओर से बताया गया कि निर्माण शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच और भू-तकनीकी सर्वे होगा। इस दौरान गहरे बोरहोल खोदे जाएंगे, मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे।

ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि फ्लाईओवर की नींव के लिए सुरक्षित वहन क्षमता हो और उपयुक्त डिजाइन बन सके। एक अधिकारी की ओर से कहा गया है कि सभी जरूरी मंजूरी लेने के बाद ही निर्माण किया जाएगा। 

मंजूरियों के बाद होगा पूरा कार्य


इस परियोजना को केंद्रीय सड़क निधि (CRF) में से दिल्ली के लिए आवंटित 1 हजार करोड़ रुपये के बजट से पूरी की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की मंजूरी जरूरी है। इस दौराना ज्यादा फंड की आवश्यकता होने पर PWD इसके लिए अनुरोध कर सकता है। 

2025 में मिली थी हरी झंडी 


इस परियोजना को अप्रैल 2025 में पीडब्ल्यूडी मंत्री (PWD Minister) प्रवेश वर्मा ने हरी झंडी दी थी। परियोजना को साल 2015 में प्रस्तावित किया गया था। कई साल से यह प्रोजेक्ट अटका है। फंडिंग, जमीन अधिग्रहण और पेड़ कटाई के चलते मंजूरी को लेकर मामला अटका हुआ था। 

निजी संपत्तियों का किया जाएगा अधिग्रहण


इस निर्माणकार्य में बाहरी रिंग रोड (Ring Road Delhi) पर ट्रैफिक डायवर्जन की आवश्यकता होगी। इससे सड़क पर भीड़ बढ़ सकती है। पीडब्ल्यूडी (PWD) पहले सारे कार्य पूरे कर लेना चाहता है ताकी किसी अनुमति के कारण से कोई कार्य न लटक जाए। साथ में मोदी मिल के पास कुछ निजी संपत्तियों के अधिग्रहण की भी जरूरत होगी।


कब होगा पूरा प्रोजेक्ट


प्रोजेक्ट को पूरा होने के को लेकर अभी तक कोई डेटलाइन नहीं आई है। निर्माण कार्य में कम से कम एक साल लग सकता है। पहले सारी अनुमतियां समय पर मिल जाएं। पीडब्ल्यूडी (PWD) की ओर से इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। विभाग इसके लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से छूटकारा मिले।