Affair : 3 बच्चों की मां अपने जीजा से लगा बैठी दिल, फिर पति ने जो किया...

Extra Marital Affair -कहते हैं कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। प्यार किसी से भी हो सकता है। लेकिन कई बार कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते हैं। जिन्हें सामाज कभी स्वीकार नहीं करता। एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक शादीशुदा तीन बच्चों की मां को अपने जीजा से प्यार हो जाता है। महिला अपने प्रेमी जीजा के प्यार में इस कदर पागल हो जाती है कि वह अपने पति और बच्चों तक को छोड़ने को तैयार हो जाती है। जानिये पूरा मामला- 

 

HR Breaking News (ब्यूरो)। यूं ही नहीं कहते कि प्यार अंधा होता है... जब यह इश्क का खुमार चढ़ता है तो फिर सही-गलत का कुछ एहसास ही नहीं रह जाता. लेकिन जब आंख खुलती है तब बहुत कुछ तबाह हो जाता है. लेकिन समय पर आंखें खुल जाएं तो फिर भी बहुत कुछ बच जाता है. परिवार टूटने से बच जाता है.

 

ऐसे ही एक मामले में 3 बच्चों की मां को अपनी ही बहन के देवर से प्यार हो गया. वह अपना घर छोड़ उसके साथ रहने लगी. इधर परेशान पति थाने के चक्कर काटता रहा. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बहुत समझाइश दी लेकिन सब कुछ बेअसर रहा. जब चार माह बाद प्यार की खुमारी उतरी तो फिर परिवार जिम्मेदारी का एहसास हुआ. आत्मग्लानि हुई. पति से माफ़ी भी मांगी और पति ने भी बच्चों के भविष्य की ख़ातिर दरियादिली दिखाई और एक परिवार टूटने से बच गया. 

 

Gold Price Today: रिकॉर्ड लेवल से कितना गिरा सोना, खरीदने से पहले जान लें 22 और 24 कैरेट गोल्ड के रेट

खंडवा के समीपस्थ गांव के रहने वाली एक 27 वर्षीया विवाहिता मंजू (बदला हुआ नाम ) का यह मामला है. जिसकी शादी 8 साल पहले मनीष (बदला हुआ नाम ) से हुई थी. काम की तलाश में दोनों शादी के बाद ही इंदौर रहने चले गए थे. इस दौरान मंजू के तीन बच्चे भी हुए. दो बेटे और एक बेटी. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था तभी अचानक उसके जीवन में एक मोड़ आया, जब वह चार माह पहले अपनी बड़ी बहन के घर कुछ दिन रुकने के लिए चली गई.

खंडवा के पास गांव में रहने वाली बहन के साथ उसका देवर अजय  (बदला हुआ नाम ) भी रहता था. वहीं मंजू उसे दिल दे बैठी. इश्क़ की ख़ुमारी इस कदर चढ़ी कि वह लोक-लाज और परिवार की जिम्मेदारी  सब कुछ भूल बैठी. पति ने बहुत कोशिश की उसे मनाने की लेकिन वह नहीं मानी. 


पति मनीष ने खंडवा पुलिस के महिला थाने में हेल्प डेस्क से भी संपर्क किया लेकिन उनकी पहल भी परिणाम नहीं दे सकी. मनीष उसके घर भी गया लेने, लेकिन उसने आने से न केवल साफ़ मना कर दिया. बल्कि उसके प्रेमी अजय ने भी विवाद किया. चूंकि मंजू वयस्क है, उसने अपनी मर्जी से अजय के साथ रहना स्वीकार किया और पति के साथ जाने से इनकार किया तो पुलिस के भी कदम ठिठक गए. 


दरअसल, मंजू की आंखें तब खुलीं जब उसने बच्चों के भविष्य की तरफ़ देखा. उसे एहसास हुआ कि वह अपने ही पति और परिवार को ठुकरा कर बहुत बड़ी गलती कर चुकी है. उसने हिम्मत जुटाकर अपने पति को फोन किया. अपने किए की माफ़ी मांगी. पश्चाताप भी किया, तब पति का भी मन पिघल गया. उसने पुरानी बातें भूलकर  साथ रहने की सहमति जताई.
 

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के DA के बाद ग्रेच्‍युटी में इजाफा, अब इतनी ज्यादा मिलेगी सैलरी


इसके बाद  7 मई 2024 को दोनों पति-पत्नी महिला थाने आए. यहां लीगल एड क्लिनिक पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालेंटियर गणेश कानडे और प्रधान आरक्षक दीपक सोनटक्के समेत महिला आरक्षक ज्योति चौहान ने पति-पत्नी को समझाइश दी. तीन बच्चों के भविष्य और लालन पालन के लिए प्रेमी को छोड़कर पति के साथ जाने को तैयार हो गई. इस प्रकार दोनों का समझौता हुआ और एक परिवार टूटने से बच गया. एक त्रासद कथा का यह सुखद पटाक्षेप था.