Affair : बच्चा पैदा करने के लिए भाभी ने देवर को दबोचा और बनाए संबंध
भाभी देवर का पवित्र रिश्ता होता है। इन दिनों हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पति ने अपने पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। महिला के पति का कहना है कि उसकी पत्नी ने बच्चा पाने के लिए देवर के साथ रिलेशन बनाए हैं।
HR Breaking News (नई दिल्ली)। एक बार फिर देवर-भाभी का पवित्र रिश्त कलंकित हुआ। देवर ने अपनी चचेरी भाभी पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। पीड़ित देवर ने पिछले साल पुलिस को एक शिकायत देते हुए आरोप लगाया था कि जब वह 13 साल का था तब उसकी चचेरी भाभी ने उसके जरिए गर्भधारण करने के उद्येश्य ये उसे दबोच लिया था और उसके साथ शारीरिक संबध बनाए थे। पीडि़त देवर ने पुलिस अधिकारियों से बताया है कि जब उसका दोस्त घर से कहीं बाहर था तब उसकी पत्नी ने बच्चा पाने के लिए उसके साथ संबंध बनाए। महिला के खिलाफ शिकायत करने वाले शख्स ने बताया कि मामला सात साल पहले का है।
ये भी पढ़ें : My Story : मेरा 2 पुरुषों के साथ चल रहा है चक्कर, समझ नहीं आ रहा दोनों को कैसे संभालू
उसने कहा कि उसकी चचेरी भाभी ने उसे पकड़ते वक्त बताया था कि अगर वह किसी अजनबी से शारीरिक संबंध बनाती है तो उसे बच्चा हो सकता है। इसके बाद वह उसे अपने बेडरूम में ले गई और फिर उसके साथ शारीरिक संबध बनाए। शिकायत कर्ता एंड्रू जोशुआ ने पुलिस को बताया कि आरोपी महिला ससे 18 माह बाद फिर मिली और बताया कि उससे उसे तीसरी बच्ची पैदा हुई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह महिला अब उससे चौथा बच्चा पाने की भी इच्छा जताई है।
देवर एंड्रू ने पुलिस को बताया जब महिला ने चौथा बच्चा पाने के लिए उससे कहा तब उसे समझ में आया कि वह उससे बच्चे पैदा कर उसके साथ रहना चाहती है। क्योंकि उसका ब्यॉयफ्रेंड अब उसके साथ नहीं रहता। उसने कहा कि वह धोखे में एक बच्ची का पिता बना गया लेकिन उसे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था लेकिन जब बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया गया तो पता चला कि बच्ची उसी से पैदा हुई है।
ये भी पढ़ें : Relationship: स्त्री इस उम्र हो जाती है और ज्यादा रोमंटिक, पुरुषों को देख करती है ये हरकतें
फिलहाल देवर के इस आरोप के आधार पर पुलिस ने आरोपी महिला अंबर हेल्स को नाबालिग का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन महिला को अदालत से बड़ी राहत मिली है। महिला के खिलाफ दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि यह मामला जनहित में नहीं है इसलिए इस पर अदालत अपना समय खराब नहीं कर सकती।