8 महीनों बाद RBI ने अब बताई सच्चाई, इस वजह से बंद किया था 2000 का नोट
HR Breaking News, New Delhi : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने पिछले साल माई के महीने में 2000 के नोट को बंद करने का एलान किया था और बताया था की इन नोटों को आप बैंकों में जाकर चेंज कर सकते हैं यानी अब 2000 के नोट चलन में नहीं होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी थी कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोट ग्राहकों को देना बंद कर दें।
जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई (Reserve Bank of India news) ने ये बड़ा फैसला लिया था। भारतीय रिजर्व बैंक के नए फैसले के मुताबिक, ये नोट 30 सितंबर 2023 के बाद जारी नहीं होंगे और आप नोटों को अक्टूबर महीने तक ही चेंज करवा सकेंगे।
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कब शुरू हुआ था 2000 का नोट
आपको साल 2016 याद तो होगा ही जब सरकार ने नोटबंदी (demonetization 2016) का ऐलान करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। सरकार के इस फैसले से जनता में काफी आक्रोश देखने को मिला था। इन दोनों नोट को बैन होने के बाद सरकार ने 2000 रुपये का नोट (2000 ka note band news) लॉन्च किया। इस नोट को लेकर कई सारी बातें सामने आई थी कि इसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स दिए गए हैं।
बंद कर दी थी छपाई
नोटबंदी (demonetization 2016) के बाद शुरू किए गए 2,000 के नोट की साल 2019 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (reserve bank of india) ने छपाई बंद कर दी थी । राइट-टू-इन्फर्मेशन ऐक्ट (RTI Act) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक (reserve bank of india news) ने बताया कि साल 2019 के वित्तीय वर्ष में 2,000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा गया। RBI ने इसकी कोई वजह नहीं बताई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इस अधिक वैल्यू वाले नोट को बंद करने के पीछे ब्लैक मनी, भ्रष्टाचार और जाली करंसी जैसे बड़े कारण हैं।
अब क्यों बंद किये ये नोट
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सरकार के 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर रोक लगाने के फैसले के बाद RBI ने पहले 2,000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम पहुंचाए थे। इसके बाद 500 रुपये के नए नोट लाए गए थे। सरकार की ओर से 2,000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला करने की रिपोर्ट पहले भी आई थी, लेकिन केंद्र और RBI ने तब इससे इनकार किया था। फाइनैंस मिनिस्ट्री में डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स (Department of Economic Affairs) के तत्कालीन सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया था, ‘नोटों की छपाई की योजना अनुमानित जरूरत के अनुसार बनाई गई है। हमारे पास सिस्टम में 2,000 रुपये के पर्याप्त नोट हैं। सर्कुलेशन में वैल्यू के लिहाज से 35 पर्सेंट से अधिक नोट 2,000 रुपये के हैं। 2,000 रुपये के नोट की छपाई को लेकर हाल ही में कोई फैसला नहीं हुआ है।’
क्या है परेशानी?
अधिक वैल्यू वाले नोटों से ब्लैक मनी बढ़ जाती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। ब्लैक मनी रखने वाले अधिक वैल्यू के नोटों को अपने पास जमा कर लेते हैं। इसके साथ ही जाली करंसी की समस्या से निपटने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने हाल ही में बताया था कि पाकिस्तान से 2,000 रुपये के जाली नोट बड़ी संख्या में भारतीय मार्केट में पहुंचाए जा रहे हैं। इन नोटों की पहचान करना भी आसान नहीं है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट ने भी सरकार को गैर कानूनी गतिविधियों के लिए 2,000 रुपये के नोटों को जमा किए जाने का चलन बढ़ने की रिपोर्ट दी थी।
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RBI के मुताबिक 2000 रुपये के नोट आमतौर पर लेनदेन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल में नहीं कर रहे हैं। आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया गया है कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से हटा लिया जाए। हालांकि, आपके पास पुरा समय होगा की आप बैंक जाकर अपने पास रखे 2 हजार रुपये के नोट को बदल सकते हैं। बता दें, साल 2018-2019 में सरकार ने 2 हजार रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी।