alcohol Rule : आज जान ही लीजिये शराब पीने के कानूनी नियम
Is it crime to drink liquor? : क्या आप जानते हैं हमारे देश में शराब पीने के ऊपर भी कई तरह के कानून लागू होते हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते, अजा हम आपको इन्ही नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं
HR Breaking News, New Delhi : एक बार यदि किसी को शराब पीने की लत लग जाए तो वह आसानी से नहीं छूटती। कहा जाता है कि पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए। व्यक्ति खुशी के मौके पर पीता है तो गम भुलाने के लिए भी शराब का सहारा लेता है। जहां चार यार मिल जाते हैं, वहां जाम से जाम टकराए जाते हैं। नशे की हालत में आपस में सिर फुटौव्वल होते भी देखी गई है। नशे में व्यक्ति अपने ऊपर से नियंत्रण खो बैठता है। कई बार हादसे भी होते हैं। लोग अमूमन सार्वजनिक स्थानों पर भी शराब पीने से नहीं हिचकते। क्या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना अपराध है? आज हम आपको इसी विषय पर इस पोस्ट में जानकारी देंगे। इसके हर पहलू पर बात करेंगे।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है –
Supreme court : वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं साबित होगी प्रॉपर्टी की मालकियत
सामान्य तौर पर कहें तो निजी स्थान पर शराब पीना अपराध नहीं है, किंतु सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना एवं लोगों की झुंझलाहट, परेशानी का कारण बनना, अतिचार करना अवश्य अपराध है।
इसके खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता अर्थात आईपीसी (IPC) की धारा- 510 के अंतर्गत इसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।
शराब पीने के कानून – आईपीसी की धारा 510
सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों एवं अतिचार करने वालों के खिलाफ पुलिस आईपीसी की धारा-510 के अंतर्गत कार्रवाई कर सकती है। इसके अनुसार नशे की हालत में किसी का सार्वजनिक अथवा लोक स्थान थवा किसी ऐसे स्थान में, जहां उसके प्रवेश से किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, उसे 24 घंटे का कारावास अथवा 10 हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं साथ दी जा सकती हैं।
यह एक जमानती एवं असंज्ञेय अपराध है। यह अपराध समझौता योग्य भी नहीं है। यदि कोई व्यक्ति शराब के नशे में किसी सार्वजनिक क्षेत्र में उपद्रव करता मिलता है तो आईपीसी की धारा- 290 भी साथ में जोड़ी जा सकती है। यह धारा जमानत योग्य है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है। किसी भी मजिस्ट्रेट के सामने यह मामला ले जाया जा सकता है। इसके अंतर्गत पांच हजार रुपये का जुर्माना नियत किया गया है।
Supreme court : वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं साबित होगी प्रॉपर्टी की मालकियत
शराब नीति एवं शराब पीने के कानून हर राज्य में अलग अलग है –
भारत में शराब की पूरे देश को लेकर कोई एक नीति एवं नियम नहीं हैं। हर राज्य को शराब से जुडे़ अपने नियम कायदे तय करने का हक है। ऐसे में भारत देश के 29 राज्यों में हरेक की अपनी अलग शराब नीति है। आप जानते ही हैं कि राज्य ही इसके उत्पादन, कीमत, बिक्री एवं टैक्स आदि तय कर सकते हैं।
शराब की बिक्री किन विशेष अवसरों पर निषिद्ध होती है?
हमारे देश भारत में कुछ विशेष अवसरों पर शराब की बिक्री को निषिद्ध किया गया है। इनमें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) एवं गांधी जयंती (2 अक्तूबर) शामिल हैं। राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण इन दिनों में शराबबंदी लागू की गई है।
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर भी रोक लगाई गई है –
भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाए जाने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने से बाज नहीं आते। शराब पीकर वाहन चलाने वाले का कंट्रोल अपने वाहन के ऊपर से हट जाता है। ऐसे में कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाते पाए जाने के लिए भी सजा मुकर्रर की गई है। मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 185 में इसके लिए प्रावधान किया गया है।
Supreme court : वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं साबित होगी प्रॉपर्टी की मालकियत
इसके अनुसार भारत में यदि कोई मोटर वाहन चलाते हुए किसी व्यक्ति 100 मिलीलीटर खून में शराब की मात्रा 30 मिलीग्राम तक पाई जाती है तो पहली बार अपराध के लिए छह माह तक की अवधि तक कारावास अथवा दो हजार रूपये तक जुर्माना होगा। अथवा दोनों सजाएं एक साथ दी जाएंगी।यदि इसके तीन साल के भीतर व्यक्ति समान अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसे कारावास, जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है, अथवा तीन हजार रूपये जुर्माना, अथवा दोनों सजाएं साथ में दी जा सकती हैं। पुलिस किसी व्यक्ति में शराब की मात्रा का आकलन ब्रीथ एनालाइजर की मदद से करती है।
कोर्ट भी कह चुकी-निजी स्थान पर शराब का सेवन अपराध नहीं है –
निजी स्थान पर शराब का सेवन अपराध नहीं है। अब यह केरल हाईकोर्ट ने भी शराब के सेवन से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही है। उसके अनुसार यह कोई अपराध नहीं है। लेकिन तभी तक इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा, जब तक उस स्थान पर कोई उपद्रव न हुआ हो। केवल शराब की गंध से किसी शख्स को नशे में साबित नहीं किया जा सकता।
Supreme court : वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं साबित होगी प्रॉपर्टी की मालकियत
भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता –
भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश में 66.3 करोड़ लीटर अल्कोहल पिया जाता है। देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत की बात करें तो सर्वाधिक खपत वाले राज्यों में दक्षिण भारत के राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल एवं कर्नाटक में ही 45 प्रतिशत से अधिक शराब की खपत हो रही है।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल में कमाई का 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शराब पर टैक्स से आता है। एक और खास एवं रोचक जानकारी भी आपको दे दें।वो ये है कि भारत दुनिया का सर्वाधिक व्हिस्की पीने वाला देश है। अमेरिका तक का स्थान भारत के बाद में आता है। संख्या की बात करें तो अमेरिकियों के मुकाबले भारत के लोग हर साल तीन गुना अधिक व्हिस्की को उदरस्थ करते हैं।
Supreme court : वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं साबित होगी प्रॉपर्टी की मालकियत