Uttar Pradesh में एक और बड़ी सौगात, जेवर के बाद अब इस जिले में भी बनेगा एयरपोर्ट

Uttar Pradesh - उत्तर प्रदेश में हवाईअड्डे और एक्सप्रेसवे जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेज़ी आई है. गौतमबुद्ध नगर के जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उड़ानें शुरू होने से पहले ही, यूपी सरकार ने एनसीआर के पास एक और औद्योगिक जिले में नए हवाईअड्डे के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है-

 

HR Breaking News, Digital Desk- (Uttar Pradesh) उत्तर प्रदेश (यूपी) में हवाईअड्डे और एक्सप्रेसवे जैसे बुनियादी ढांचा (इन्फ्रा) परियोजनाओं में तेज़ी आई है. गौतमबुद्ध नगर के जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उड़ानें शुरू होने से पहले ही, यूपी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पास एक और औद्योगिक जिले में नए हवाईअड्डे के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है.

सरकार जल्द ही निर्माण शुरू करेगी, क्योंकि अधिकांश ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है और शेष के लिए किसानों से बातचीत चल रही है. यह विकास राज्य में कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा.

यूपी सरकार ने बताया है कि मेरठ जिले में नया एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इसे पहले मेरठ विकास प्राधिकरण ने हवाईअड्डा बनाए जाने का ऐलान किया था. यूपी सरकार ने कहा है कि मेरठ में 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टी बनाने और एयरपोर्ट विकसित करने के लिए जमीन का इंतजाम कर लिया गया है. यहां हवाई पट्टी की जमीन सिविल एविएशन के नाम दर्ज करा ली गई है, अब जल्‍द ही एयरपोर्ट विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा.

कितनी जमीन पर बनेगा एयरपोर्ट-
मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) की मानें तो अभी करीब 46 एकड़ जमीन को नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज करा लिया गया है. प्राधिकरण ने जमीन के बकाए का भी भुगतान कर दिया है. भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (एएआई) ने मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) को हवाई पट्टी के अतिरिक्‍त अन्य सुविधाएं विकसित करने और एयरपोर्ट की बिल्डिंग बनाने के लिए 96 एकड़ जमीन का और इंतजाम करने के लिए कहा है.

एयरपोर्ट बनाने में क्‍या-क्‍या बाधाएं-
एएआई ने कहा है कि रनवे के अलावा अन्‍य सुविधाओं के लिए भी 96 एकड़ जमीन चाहिए. इस पर मेरठ प्रशासन ने बताया कि उनके पास 75 एकड़ जमीन पहले से ही है. बाकी बची 21 एकड़ जमीन के किसानों के साथ बातचीत जारी है और यह मामला अदालत (court) में विचाराधीन है. एएआई ने मेरठ प्रशासन से बिजली के तार और खंभे सहित अन्‍य बाधाओं को भी तत्‍काल हटाने की बात कही है.

एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण की भी चर्चा-
एएआई ने मेरठ प्रशासन को सूचित किया है कि पहले चरण के लिए तो अनुमति मिल गई है, लेकिन दूसरे चरण के लिए 300 एकड़ और तीसरे चरण के लिए 200 एकड़ जमीन की व्यवस्था अभी और करनी होगी.

फिलहाल, पिछले 20 साल से लंबित काम पूरा हो गया है. किसानों से अधिग्रहीत की गई हवाई पट्टी की जमीन (airstrip land) को अब नागरिक उड्डयन (Civil Aviation) के नाम दर्ज करा लिया गया है. यह जमीन पहले इसलिए दर्ज नहीं हो पाई थी, क्योंकि प्राधिकरण को शासन से पूरा पैसा नहीं मिल पाया था.