Britain Crisis : इस बड़े देश में 2 से ज्यादा आलू-टमाटर खरीदने पर लगी रोक, देश की है पकिस्तान से भी बद्तर हालत 

ब्रिटेन में आज पकिस्तान से भी बुरे हालत बन गए हैं, हालत इतने नाज़ुक है के लोगों के ऊपर 2 से ज्यादा आलू टमाटर खरीदने पर भी रोक लगा दी है। आइये डिटेल में जानते हैं पूरी खबर 

 

HR Breaking News, New Delhi : ब्रिटेन में सब्जियों और फलों की भारी किल्लत देखी जा रही है। सप्लाई में कमी के चलते ब्रिटेन के बड़े शहरों के कई सुपरमार्केट ने अब इन्हें खरीदने की लिमिट तय कर दी है। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस तरह के हालात अभी कुछ महीनों तक बने रहे सकते हैं। बता दें कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भी पाकिस्तान की तरह मंदी से गुजर रही है। इसके साथ ही महंगाई भी बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं आखिर क्या है ब्रिटेन में सब्जियां की कमी और महंगाई की वजह।

पैसे देने के बावजूद नहीं ले सकते 2 से ज्यादा आलू-टमाटर :
ब्रिटेन में इन दिनों फल-सब्जियों की इतनी किल्लत है कि पैसा देने के बावजूद लोग 2 से ज्यादा आलू या टमाटर नहीं खरीद सकते हैं। इतना ही नहीं शिमला मिर्च, खीरा, ब्रोकली, फूलगोभी और रसभरी का प्रोडक्शन भी लिमिटेड रह गया है, जिसके चलते इसे खरीदने की लिमिट तय कर दी गई है।

जानें क्यों तय की गई फल-सब्जियों की लिमिट?

- फल-सब्जियों की लिमिट तय करने की मुख्य वजह इनकी सप्लाई में कमी आना है।

- कमी का कारण दक्षिणी यूरोप और अफ्रीका में खराब मौसम के साथ ही ब्रिटेन और नीदरलैंड में महंगी बिजली के चलते बैन हुई ग्रीनहाउस खेती को भी माना जा रहा है।

- इसके अलावा ब्रिटेन सर्दी के मौसम में खीरे और टमाटर जैसी 90% वस्तुओं को बाहर से आयात करता है। लेकिन जिन देशों से ये चीजें आती हैं, वहां भी इस बार फसल खराब हो गई। इसकी वजह से ब्रिटेन में चीजों की भारी कमी हो गई।

- ब्रिटेन में सब्जियां और फल ज्यादातर मोरक्को और स्पेन से आते हैं। लेकिन खराब मौसम के चलते वहां से सप्लाई बाधित हो रही है, जिसके चलते ब्रिटेन में इनकी भारी किल्लत हो गई है।

ब्रिटेन में कब तक बने रह सकते हैं ये हालात?

ब्रिटेन की पर्यावरण मंत्री थेरेसे कॉफी के मुताबिक, हमें लगता है कि इस तरह के हालात अभी 2 से 4 हफ्तों तक बने रह सकते हैं। हमारी कोशिश है कि हमें इसका कोई ऑल्टरनेटिव सॉल्यूशन मिल जाए। इस संकट से उबरने और भविष्य में ऐसे हालातों का सामना न करना पड़े, इसके लिए हमारा सिस्टम खुदरा वितरकों से बातचीत कर रहा है।