court decision :  शादीशुदा महिला ने सहमति से बनाए संबंध, अब कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अहम फैसले में शादी का झांसा देकर रेप की दर्ज कराई गई एफआइआर रद्द करने का आदेश पारित किया है। महिला पहले से शादीशुदा थी और आरोपित को खुद अपने घर बुलाकर सहमति से संबंध बनाए थे। आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
 
 

HR Breaking News (ब्यूरो) : वह उससे उम्र में बड़ी भी थी। हाई कोर्ट की जस्टिस सुजय पॉल की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान मामले में यह नहीं माना जा सकता है कि शादी का प्रलोभन देकर संबंध स्थापित किए गए थे।


मामला छिंदवाड़ा जिले का है। महाराष्ट्र के वर्धा निवासी कुणाल हरीश वास्निक की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसके खिलाफ छिंदवाड़ा महिला थाने में एक शिक्षिका की शिकायत पर शादी का झांसा देकर बलात्कार किए जाने की एफआइआर दर्ज की गई थी।

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जिसे रद्द किए जाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि महिला से उसकी मुलाकात वर्धा के वैवाहिक कार्यक्रम में हुई थी। बाद में दोनों की दोस्ती हो गई और सोशल मीडिया पर चैटिंग शुरू हो गई थी।

महिला जो पांच साल बड़ी है जून 2021 को परिवार के सदस्यों के उमरिया कार्यक्रम में जाने की जानकारी देते हुए उसे छिंदवाड़ा बुलाया। वह तीन दिन उसके घर रुका और सहमति से संबंध बनाए।

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याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि महिला और वह अलग-अलग जाति से हैं और पहले से शादीशुदा हैं। कोर्ट ने न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुए आदेश पारित किया कि सहमति से संबंध की विफलता बलात्कार के अपराध के लिए एफआइआर दर्ज करने का आधार नहीं हो सकती। कोर्ट ने उक्त एफआइआर रद्द करने के आदेश दिए।